हिमाचल प्रदेश पूर्ण साक्षर राज्य घोषित, 99.30 प्रतिशत पहुंची साक्षरता दर
शिमला, 08 सितंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊँचाई हासिल करते हुए आज पूर्ण साक्षर राज्य का दर्जा प्राप्त कर लिया है। अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर सोमवार को शिमला में आयोजित ‘पूर्ण साक्षर हिमाचल समारोह एवं उल्लास मेला
मुख्यमंत्री साक्षरता दिवस समारोह में


शिमला, 08 सितंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊँचाई हासिल करते हुए आज पूर्ण साक्षर राज्य का दर्जा प्राप्त कर लिया है। अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर सोमवार को शिमला में आयोजित ‘पूर्ण साक्षर हिमाचल समारोह एवं उल्लास मेला-2025’ में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश को पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि हिमाचल प्रदेश ने यह उपलब्धि निर्धारित समय सीमा से पहले हासिल की है। उन्होंने कहा कि निरक्षरता से पूर्ण साक्षरता की यात्रा आसान नहीं थी, लेकिन राज्य ने शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव किए और आज 99.30 प्रतिशत साक्षरता दर प्राप्त कर ली है। यह दर राष्ट्रीय औसत 80.9 प्रतिशत से कहीं अधिक है। उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य को तभी पूर्ण साक्षर राज्य माना जाता है जब उसकी साक्षरता दर 95 प्रतिशत से ऊपर हो। मिजोरम, त्रिपुरा और लक्षद्वीप जैसे राज्यों को पीछे छोड़ते हुए हिमाचल साक्षरता में देशभर में शीर्ष स्थान पर पहुंच गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1971 में पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर सुधार हुए हैं। सरकार ने पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई शुरू करने, डे बोर्डिंग स्कूलों की स्थापना और आधुनिक शिक्षण पद्धतियों को लागू करने जैसे कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अब सरकार का मुख्य फोकस गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर होगा और प्रदेश को विश्वस्तरीय शैक्षणिक संस्थानों की दिशा में आगे ले जाया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में विद्यार्थी-अध्यापक अनुपात आज देश में सबसे बेहतर है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उन अधिकारियों, स्वयंसेवकों और नव साक्षरों को सम्मानित किया, जिन्होंने इस उपलब्धि में योगदान दिया। उन्होंने शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में अभी शेष 56,960 निरक्षरों को साक्षर बनाने के लिए नई योजना शुरू की जाएगी।

कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि आज का दिन हिमाचल के इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है। उन्होंने याद दिलाया कि आज़ादी के बाद जब हिमाचल का गठन हुआ था, तब प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में लगभग अंतिम पायदान पर था और साक्षरता दर मात्र 7 प्रतिशत थी। सभी सरकारों के प्रयासों से यह आज 99.30 प्रतिशत तक पहुंच गई है और ड्रॉप आउट दर लगभग शून्य हो चुकी है।

भारत सरकार के शिक्षा सचिव संजय कुमार ने वीडियो संदेश के माध्यम से हिमाचल को बधाई दी और नव साक्षरों को कौशल आधारित शिक्षा देने पर बल दिया। राज्य के शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने कहा कि पूर्ण साक्षर राज्य का दर्जा हासिल करना आसान नहीं था और इसके लिए दशकों तक चलाए गए साक्षरता मिशन, स्वयंसेवकों और सामाजिक संगठनों का योगदान सराहनीय है।

बाद में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 सितंबर को धर्मशाला आएंगे और आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि धर्मशाला में प्रधानमंत्री के साथ होने वाली बैठक में आपदा से हुए नुकसान की विस्तृत जानकारी और प्रेजेंटेशन दी जाएगी ताकि हिमाचल प्रदेश को केंद्र से राहत पैकेज प्राप्त हो सके। इसके लिए विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेशवासियों को प्रधानमंत्री से बड़ी उम्मीदें हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा