पश्चिम बंगाल में पहली बार सेमेस्टर प्रणाली के तहत शुरू हुई उच्च माध्यमिक परीक्षा
कोलकाता, 8 सितम्बर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में शिक्षा व्यवस्था के इतिहास में सोमवार से एक नया अध्याय जुड़ गया। राज्य में पहली बार उच्च माध्यमिक यानी कक्षा 12 की परीक्षा सेमेस्टर प्रणाली के तहत शुरू हुई। यह परीक्षा आठ सितम्बर से 22 सितम्बर तक चलेगी। पह
पश्चिम बंगाल में पहली बार सेमेस्टर प्रणाली के तहत शुरू हुई उच्च माध्यमिक परीक्षा


कोलकाता, 8 सितम्बर (हि.स.)।

पश्चिम बंगाल में शिक्षा व्यवस्था के इतिहास में सोमवार से एक नया अध्याय जुड़ गया। राज्य में पहली बार उच्च माध्यमिक यानी कक्षा 12 की परीक्षा सेमेस्टर प्रणाली के तहत शुरू हुई। यह परीक्षा आठ सितम्बर से 22 सितम्बर तक चलेगी। पहले सेमेस्टर की यह परीक्षा राज्य के 23 जिलों के 2106 केंद्रों पर आयोजित की जा रही है, जिसमें लगभग 6.6 लाख विद्यार्थी शामिल हो रहे हैं।

इस बार परीक्षा को दो चरणों में आयोजित किया जा रहा है। पहला सेमेस्टर सितम्बर में और दूसरा सेमेस्टर फरवरी में होगा। यह व्यवस्था कक्षा 11 और 12 दोनों के लिए लागू की गई है।

परीक्षा का समय सुबह 10 बजे से 11:15 बजे तक रखा गया है, जबकि संगीत, दृश्य कला और व्यावसायिक विषयों की परीक्षा 11:45 बजे तक चलेगी। छात्रों को परीक्षा केंद्र में मोबाइल फोन, कैलकुलेटर और किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के साथ प्रवेश की अनुमति नहीं है। नियम तोड़ने पर उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी जाएगी। प्रवेश द्वार पर छात्रों की जांच मेटल डिटेक्टर से की जा रही है। परीक्षा अवधि के दौरान छात्रों को शौचालय जाने की अनुमति भी नहीं होगी।

पेपर लीक की आशंका को खत्म करने के लिए प्रश्नपत्रों को विशेष ‘नॉन-ट्रांसपेरेंट प्रिंटेड पॉली पैकेट’ में सील किया गया है। दो सेट प्रश्नपत्र तैयार किए गए हैं, जिनमें से एक सेट केवल आपात स्थिति में उपयोग किया जाएगा।

इस बार 122 परीक्षा केंद्रों को संवेदनशील घोषित किया गया है, जिनमें सबसे अधिक केंद्र मालदा जिले में हैं। पिछले वर्ष यह संख्या 136 थी। सभी केंद्रों पर सीसीटीवी निगरानी की व्यवस्था की गई है। पर्यवेक्षकों के आवास और मुख्य प्रवेश द्वार पर भी विशेष निगरानी रखी जा रही है। बरसात के मौसम को देखते हुए प्रश्नपत्र और ओएमआर शीट्स ऐसे स्थानों पर सुरक्षित रखी गई हैं, जहां पानी भरने का कोई खतरा नहीं रहता। जरूरत पड़ने पर केंद्रों को बदला भी जा सकता है।

राज्य के सभी 23 जिलों में इस बार छात्राओं की संख्या छात्रों से अधिक है। कुल 818 मुख्य परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इसके अलावा 342 दिव्यांग परीक्षार्थियों में से 212 विद्यार्थियों को सहायक लेखक की सुविधा दी गई है।

पहली सेमेस्टर परीक्षा को पूरी तरह बहुविकल्पीय प्रश्नों पर आधारित रखा गया है। नकल रोकने के लिए एक ही कक्ष में अलग-अलग प्रश्नपत्र सेट बांटे जा रहे हैं, ठीक उसी तरह जैसे राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं जैसे नीट और जेईई में किया जाता है।

पश्चिम बंगाल उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद ने इस वर्ष अप्रैल में आधिकारिक रूप से सेमेस्टर प्रणाली को लागू करने की घोषणा की थी। इसके साथ ही राज्य की स्कूली शिक्षा व्यवस्था में यह ऐतिहासिक बदलाव दर्ज हो गया।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर