हिसार : तकनीक व कौशल मिलकर फिजियोथेरेपी को दे रहे नए आयाम : प्रो. नरसी राम बिश्नोई
गुजविप्रौवि में फिजियोथेरेपी दिवस के उपलक्ष्य पर कार्यक्रम का हुआ आयोजनहिसार, 8 सितंबर (हि.स.)। यहां के गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि भारतीय संस्कृति एवं ज्ञान परम्परा फिजियोथेरेपी
कार्यक्रम का उद्घाटन करते मुख्यातिथि कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई।


कार्यक्रम में प्रदर्शनी का अवलोकन करते मुख्यातिथि कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई।


गुजविप्रौवि में फिजियोथेरेपी दिवस के उपलक्ष्य पर कार्यक्रम का हुआ आयोजनहिसार, 8 सितंबर (हि.स.)। यहां के गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि भारतीय संस्कृति एवं ज्ञान परम्परा फिजियोथेरेपी की जनक है। फिजियोथेरेपी के सिद्धांत भारतीय दर्शन से गहरे मेल खाते हैं। भारतीय ज्ञान परम्परा के साथ आधुनिक तकनीक व कौशल मिलकर फिजियोथेरेपी को नए आयाम दे रहे हैं। प्रो. नरसी राम बिश्नोई साेमवार काे गुजविप्रौवि के फिजियोथेरेपी विभाग के सौजन्य से विश्व फिजियोथेरेपी दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। विश्वविद्यालय के चौधरी रणबीर सिंह सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि विश्व फिजियोथेरेपी दिवस केवल एक तारीख नहीं, बल्कि विज्ञान और कला को समर्पित एक ऐसा दिवस है जो मानव को दर्द से राहत दिलाने और बेहतर जीवन जीने के लिए प्रेरित करने वाले फिजियोथेरेपिस्ट के सम्मान को रेखांकित करता है। फिजियोथेरेपिस्ट चिकित्सा विज्ञान के अनकहे नायक हैं, जो जीवन को स्वस्थ व सक्रिय बनाने में हमारी सहायता करते हैं। ऐसे में 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प में भी फिजियोथेरेपिस्ट की भूमिका अहम होने वाली है। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय को एनआईआरएफ रैंकिंग में हरियाणा प्रदेश में मिले पहले स्थान को लेकर भी हितधारकों को बधाई दी।डीन प्रो. सुमित्रा सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि विश्व को फिजियोथेरेपिस्ट के कौशल व अनुभव की जरूरत है। बेहतर मानव जीवन के लिए फिजियोथेरेपिस्ट सुरक्षित अभ्यास, व्यायाम व तकनीक बताते हैं, जो अत्यंत लाभदायक हैं।विभागाध्यक्ष प्रो. जसप्रीत कौर ने अपने सम्बोधन में फिजियोथेरेपी को स्वस्थ सेवाओं तथा शैक्षणिक क्षेत्र में श्रेष्ठ माना तथा कहा कि चिकित्सा विज्ञान में फिजियोथेरेपी की अहम भूमिका है। डा. मनोज मलिक ने सभी का धन्यवाद किया। इस अवसर पर विभाग के विद्यार्थियों द्वारा शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गई। विभाग के विद्यार्थियों द्वारा फिजियोथेरेपी की तकनीकों से संबंधित एक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया। पोस्टर व मॉडल मेकिंग प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गई। प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया। इस अवसर पर प्रो. शबनम जोशी भी उपस्थित रही। ये रहे प्रतियोगिताओं के विजेताप्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में महक, रोबिन, नंदिनी, सानिया व हिमांशू की टीम ने पहला तथा हर्षवर्धन, आयूष, रवनीत, आदित व देवव्रत की टीम ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। रंगोली प्रतियोगिता में वर्धा, प्रतिभा व कामना की टीम ने पहला तथा हिमांशू, जश्न, रवनीत, प्रेरणा, प्रिंस व दिपांशी की टीम ने दूसरा तथा सचिन, ज्योति, हुनर, भावेश व अतुल की टीम ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर