वाराणसी में गंगा फिर चेतावनी बिंदु पार,तटवर्ती इलाकों में मचा हड़कंप
—मणिकर्णिका घाट पर शवदाह के लिए लग रही कतारें, वरुणा नदी का रुख आबादी की ओर वाराणसी, 08 सितंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा एक बार फिर रौद्र रूप में नजर आ रही है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर को पा
गंगा में बाढ़ का दृष्य


गंगा में बाढ़ का दृष्य


—मणिकर्णिका घाट पर शवदाह के लिए लग रही कतारें, वरुणा नदी का रुख आबादी की ओर

वाराणसी, 08 सितंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा एक बार फिर रौद्र रूप में नजर आ रही है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर को पार कर सोमवार को सुबह आठ बजे 70.28 मीटर पर पहुंच गया।

जलस्तर में प्रति घंटा ढाई सेंटीमीटर की रफ्तार से वृद्धि जारी है। इस मानसून सीजन में यह चौथी बार है जब गंगा चेतावनी बिंदु को पार कर चुकी है। लगातार बढ़ते जलस्तर से तटवर्ती इलाकों के निवासियों की चिंता बढ़ गई है। घाटों से लगे निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे लोगों को रोजमर्रा की गतिविधियों में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

—घाटों का सम्पर्क मार्ग पहले से ही डूबा, अंतिम संस्कार के लिए इंतजार

मोक्षस्थली मणिकर्णिका घाट पर जलस्तर बढ़ने से शवदाह की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। निचले प्लेटफॉर्म डूब जाने के कारण अब छतों (उपरी प्लेटफॉर्म) पर अंतिम संस्कार किया जा रहा है। हरिश्चंद्र घाट की गलियों में भी शवदाह की नौबत आ गई है। दशाश्वमेध घाट पर जल पुलिस का कार्यालय पानी में डूब चुका है, जबकि अस्सी घाट पर जलधारा सड़कों तक पहुंचने लगी है।

—घाटों का आपसी संपर्क टूटा

अस्सी घाट से लगे गंगामहल घाट, रीवां घाट, तुलसी घाट, भदैनी घाट, जानकी घाट, आनंदमयी घाट, जैन घाट, निषादराज घाट, प्रभु घाट, चेतसिंह घाट, महानिर्वाणी घाट, शिवाला घाट, हनुमान घाट, केदार घाट, चौकी घाट, मानसरोवर घाट, पांडेय घाट, चौसट्टी घाट और सिंधिया घाट एक-दूसरे से पूरी तरह कट चुके हैं।

—वरुणा नदी में पलट प्रवाह, आबादी क्षेत्र में घुसा बाढ़ का पानी

गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण वरुणा नदी में पलट प्रवाह शुरू हो गया है, जिससे उसका पानी अब आबादी वाले इलाकों में घुसने लगा है। पुरानापुल क्षेत्र के पुलकोहना में नक्खीघाट पर दर्जनों मकान जलमग्न हो चुके हैं। ढेलवरिया, कोनिया, सरैंया जैसे क्षेत्रों में भी बाढ़ का पानी घरों तक पहुंच चुका है। स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने एक बार फिर बाढ़ राहत शिविरों को सक्रिय कर दिया है। एनडीआरएफ की टीमें मौके पर तैनात हैं और बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के प्रयास जारी हैं। एनडीआरएफ की टीम भी सतर्क है।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी