कर्मचारी विरोधी फैसले ले रही कांग्रेस सरकार : सांसद सुरेश कश्यप
शिमला, 08 सितंबर (हि.स.)। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं शिमला संसदीय क्षेत्र से सांसद सुरेश कश्यप ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि वर्तमान सरकार लगातार कर्मचारी विरोधी फैसले लेकर प्रदेश को पीछे धकेल रही है। उन्होंने आर
सुरेश कश्यप


शिमला, 08 सितंबर (हि.स.)। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं शिमला संसदीय क्षेत्र से सांसद सुरेश कश्यप ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि वर्तमान सरकार लगातार कर्मचारी विरोधी फैसले लेकर प्रदेश को पीछे धकेल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनावों के दौरान ओपीएस (पुरानी पेंशन योजना) लागू करने का वादा कर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों को पेंशन, डीए, वेतनवृद्धि और अन्य लाभ देने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है।

सुरेश कश्यप ने सोमवार को एक बयान में कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने 6 सितंबर 2022 को एक महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी की थी, जिसके तहत नियमित होने के बाद हायर ग्रेड-पे पाने के लिए लगाई गई दो साल की अनिवार्य शर्त को हटा दिया गया था। इस निर्णय से कर्मचारियों के वेतन में 10 से 20 हजार रुपये तक की बढ़ोतरी हुई थी। लेकिन हाल ही में कांग्रेस सरकार ने जो नई अधिसूचना जारी की है, उससे कर्मचारियों के वेतन में इतनी ही कटौती हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि यह स्थिति कर्मचारियों में भारी असंतोष और हड़कंप पैदा कर रही है। जिन कर्मचारियों को फिलहाल 40 हजार रुपये तक वेतन मिल रहा है, उनका वेतन घटकर लगभग आधा रह जाएगा। यदि सरकार ने इस निर्णय को वापस नहीं लिया तो प्रदेश में कार्यप्रणाली पर सीधा असर पड़ेगा और कर्मचारियों द्वारा काम रोके जाने की स्थिति में आम जनता के कार्य भी पूरी तरह ठप हो जाएंगे।

भाजपा सांसद ने सवाल उठाया कि आखिर मुख्यमंत्री को ऐसे फैसले लेने की सलाह कौन दे रहा है? उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट हो चुका है कि मुख्यमंत्री के कुछ सलाहकार प्रदेश की जनता और कर्मचारियों की पीड़ा से पूरी तरह अनभिज्ञ हैं।

कश्यप ने आगे कहा कि इस पूरे मामले में नौकरशाही ने मुख्यमंत्री के समक्ष गलत तथ्यों को प्रस्तुत किया है। अफसरशाही की यह चाल कर्मचारियों और सरकार के बीच अविश्वास की खाई पैदा करने की दिशा में है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने सदैव कर्मचारियों के हित में कार्य किया है जबकि कांग्रेस सरकार ने अपने तुगलकी फरमान से कर्मचारियों को निराश किया है।

भाजपा सांसद ने कहा कि इस निर्णय से वर्ष 2019 और 2020 में नियुक्त 89 श्रेणियों के कर्मचारी प्रभावित होंगे। उन्होंने इसे सीधा-सीधा कर्मचारी विरोधी कदम करार देते हुए चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द ही अधिसूचना वापस नहीं ली तो भाजपा कर्मचारियों के साथ मिलकर व्यापक आंदोलन खड़ा करेगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा