उज्जैनः भस्म आरती में बाबा महाकाल का श्री गणेश स्वरूप में श्रृंगार, ग्रहण के बाद मंदिर को पानी से किया शुद्ध
उज्जैन, 08 सितम्बर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान श्री महाकालेश्वर मंदिर में चंद्रग्रहण समाप्त होने के बाद सोमवार तड़के भस्म आरती से पहले मंदिर की शुद्धि की गई। पूरे मंदिर परिसर को जल से शुद्ध किया गया। गर्भगृह
उज्जैनः भस्म आरती में बाबा महाकाल का श्री गणेश स्वरूप में श्रृंगार


उज्जैन, 08 सितम्बर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान श्री महाकालेश्वर मंदिर में चंद्रग्रहण समाप्त होने के बाद सोमवार तड़के भस्म आरती से पहले मंदिर की शुद्धि की गई। पूरे मंदिर परिसर को जल से शुद्ध किया गया। गर्भगृह सहित सभी मंदिरों में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ ग्रहण शुद्धि का विधान संपन्न हुआ। इसके बाद सुबह चार बजे बाबा महाकाल की भस्म आरती हुई, जिसमें भगवान महाकाल को रजत चंद्र, त्रिशूल, मुकुट और आभूषण अर्पित कर गणेश स्वरूप में श्रृंगारित किया गया। भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल के दरबार में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। भक्तों ने बाबा महाकाल के दर्शन कर जयकारे लगाए, जिससे पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल के जयघोष से गुंजायमान हो उठा।

श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि अश्विन मास कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर सोमवार तड़के चार बजे भस्म आरती हुई। इस दौरान भगवान महाकाल का श्रृंगार उतारकर पंचामृत पूजन किया गया और कर्पूर आरती संपन्न हुई। नंदी हॉल में नंदीजी का स्नान, ध्यान और पूजन कराया गया। भगवान महाकाल का जल से अभिषेक करने के बाद दूध, दही, घी, शक्कर, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से विशेष पूजन हुआ। पूजन के दौरान प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। पुजारियों और पुरोहितों ने इस दौरान बाबा महाकाल का भांग से श्रृंगार किया।

उन्होंने बताया कि भगवान महाकाल को रजत चंद्र, त्रिशूल, मुकुट और आभूषण अर्पित कर गणेश स्वरूप में श्रृंगारित किया गया। भांग, चंदन, ड्रायफ्रूट और भस्म चढ़ाई गई। शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल, रुद्राक्ष की माला और सुगंधित पुष्पों से बनी मालाओं से अलंकृत किया गया। फल और मिष्ठान का भोग भी अर्पित किया गया। भस्म आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और बाबा महाकाल का आशीर्वाद प्राप्त किया। महा निर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई। मान्यता है कि भस्म अर्पित करने के बाद भगवान महाकाल निराकार से साकार रूप में दर्शन देते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर