डॉ. भूपेन हज़ारिका की जन्म शताब्दी पर असम सरकार की बड़ी पहल
गुवाहाटी, 08 सितम्बर (हि.स.)। असम सरकार ने भारतरत्न डॉ. भूपेन हज़ारिका की जन्म शताब्दी के अवसर पर दो महत्वपूर्ण योजनाओं का शुभारंभ किया। गुवाहाटी के आइदेव सिनेमा हॉल में आयोजित कार्यक्रम में राज्य के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री बिमल बोरा ने इन योजनाओ
डॉ. भूपेन हज़ारिका की जन्म शताब्दी पर असम सरकार के सांस्कृतिक मंत्री बिमल बोरा।


गुवाहाटी, 08 सितम्बर (हि.स.)। असम सरकार ने भारतरत्न डॉ. भूपेन हज़ारिका की जन्म शताब्दी के अवसर पर दो महत्वपूर्ण योजनाओं का शुभारंभ किया। गुवाहाटी के आइदेव सिनेमा हॉल में आयोजित कार्यक्रम में राज्य के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री बिमल बोरा ने इन योजनाओं का उद्घाटन किया।

मंत्री बोरा ने कहा कि डॉ. भूपेन हज़ारिका के गीतों ने समाज के हर वर्ग को छुआ है। उन्होंने ‘आदर्श विद्यालयों में संगीत शिक्षा’ योजना की शुरुआत की, जिसके अंतर्गत तमिलनाडु के प्रख्यात संगीतज्ञ डॉ. रमेश विनायकम द्वारा विकसित ‘गामाका बॉक्स’ की मदद से असम के 57 आदर्श विद्यालयों में विद्यार्थियों को भूपेंद्र संगीत समेत अन्य संगीत सिखाया जाएगा।

इसी कार्यक्रम में दूसरी योजना का भी शुभारंभ किया गया जिसके तहत वर्ष 2025 में असम में रिलीज हुई पूर्ण लंबाई की फिल्मों के निर्माता को राज्य सरकार की ओर से 5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। मंत्री बोरा ने इस अवसर पर असमिया, बोड़ो, सिंगफौ समेत विभिन्न भाषाओं की 19 फिल्मों के निर्माताओं को चेक भी सौंपे।

उन्होंने कहा कि डॉ. भूपेन हज़ारिका ने अपने जीवनभर मानवता का गीत गाकर विश्व बंधुत्व और समन्वय का संदेश दिया। ऐसे में इन योजनाओं को सही ढंग से लागू करना अधिकारियों की जिम्मेदारी है।

कार्यक्रम में सांस्कृतिक मामलों के विभागीय अधिकारी डॉ. बी कल्याण चक्रवर्ती, असम राज्य फिल्म (वित्त एवं विकास) निगम के अध्यक्ष सीमांत शेखर, निदेशक प्रशांत बरुवा, संगीतज्ञ डॉ. रमेश विनायकम, कलाकार समर हज़ारिका सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। इस मौके पर डॉ. हज़ारिका की 1961 में बनी फिल्म ‘शकुंतला’ का प्रदर्शन किया गया तथा इसकी अभिनेत्री कृष्णा दास नाथ को सम्मानित किया गया।

इसी दिन, असम रॉयल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के डॉ. भूपेन हज़ारिका सेंटर फॉर क्रिएटिविटी की ओर से स्थापित ‘सुधाकंठ संग्रहालय’ का उद्घाटन भी मंत्री बिमल बोरा ने किया। उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय असम की जनता के सपनों का केंद्र बनेगा और आने वाली पीढ़ी के लिए एक महत्वपूर्ण शोध सामग्री उपलब्ध कराएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश