(अपडेट) जोधपुर में संघ की समन्वय बैठक में एकता और समाज निर्माण पर रहा फोकस
जोधपुर, 07 सितंबर (हि.स.)। जोधपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय समन्वय बैठक का आज आखिरी दिन है। विविध संगठनों के राष्ट्रीय अध्यक्षों और संगठन मंत्रियों की उपस्थिति में हुई इस बैठक का समापन सरसंघचालक मोहन भागवत के उद्बोधन से हो
पत्रकार वार्ता को संबोधित करते सुनील आंबेकर


जोधपुर, 07 सितंबर (हि.स.)। जोधपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय समन्वय बैठक का आज आखिरी दिन है। विविध संगठनों के राष्ट्रीय अध्यक्षों और संगठन मंत्रियों की उपस्थिति में हुई इस बैठक का समापन सरसंघचालक मोहन भागवत के उद्बोधन से होगा।

बैठक में पंजाब में मतांतरण और नशे की समस्या पर चिंता व्यक्त की गई। बंगाल में घुसपैठ और कानून-व्यवस्था की स्थिति को गंभीर चुनौती बताया गया। मणिपुर में शांति प्रयासों और जनजातीय क्षेत्रों में नक्सली प्रभाव कम होने को सकारात्मक संकेत माना गया। साथ ही, संघ के शताब्दी वर्ष से जुड़े कार्यक्रमों और समाज परिवर्तन से जुड़े संघ की ओर से दिए गए पंच परिवर्तन विषयक योजनाओं पर विचार हुआ।

बैठक के बारे में संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने आज पत्रकारों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संघ और उससे जुड़े संगठन समाज में एकता और सहयोग की भावना को मजबूत करने के लिए सतत प्रयास कर रहे हैं। महिला सहभागिता, शिक्षा का भारतीयकरण, सामाजिक चुनौतियाँ और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दे चर्चा के मुख्य बैठक के केंद्र में रहे।

महिला समन्वय के विषय पर उन्होंने बताया कि विविध संगठन महिलाओं को नेतृत्व और भागीदारी के अधिक अवसर दे रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देशभर में 887 कार्यक्रम आयोजित हुए, जिन्हें विविध क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं ने आयोजित किया। बैठक में क्रीड़ा भारती ने खेल जगत की महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर अध्ययन प्रस्तुत किया। आंबेकर ने शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सकारात्मक कदम बताया। उन्होंने कहा कि देशभर मे शिक्षा से जुड़े हुए विभिन्न संगठन इसे जमीन पर उतरने के लिए सहयोग देने से जुड़े प्रयास कर रहे हैं।

आंबेकर ने मतदाता सूची अपडेट से जुड़ी बिहार में जारी एसआईआर प्रक्रिया का समर्थन किया और कहा कि इस सकारात्मक पहल को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग पहले भी मतदाता सूची को समय-समय पर अपडेट करता रहा है और यह नियम कानून के तहत होने वाली प्रक्रिया है जिसमें किसी भी आपत्ती का समाधान करने की भी व्यवस्था है।

सुनील आंबेकर ने भाषा और समाज से जुड़े मुद्दों पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि संघ हमेशा भाषा के आधार पर भेदभाव का विरोध करता आया है और यह मानता है कि अंग्रेज़ी की बजाय लोग अपनी स्थानीय भाषाओं में शिक्षा पाना चाहें, इसका आग्रह बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि भारतीय भाषाओं में विकास का काम इस सरकार में आगे बढ़ा है, पर अभी और प्रयास की ज़रूरत है।

धर्मांतरण पर उन्होंने कहा कि लालच और भ्रमित कर कराया गया परिवर्तन गलत है और संघ इस विषय पर समाज को जागरूक करने का काम कर रहा है। वहीं साधु-संतों के माध्यम से हिंदू धर्म के प्रति सजगता और जागरूकता को व्यापक स्तर तक पहुंचने की आवश्यकता है और साधु संत इस दिशा में काम कर रहे हैं।

चुनाव से जुड़े विषय पर उन्होंने स्पष्ट किया कि संघ को कहीं बाहर जाकर काम नहीं करना पड़ता, बल्कि वह हमेशा धरातल पर रहकर समाज के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करता है। उन्होंने यह भी कहा कि समाज की एकता को बाधित करने वाली शक्तियां लगातार सक्रिय हैं, इसलिए समय-समय पर जागरूकता आवश्यक है और यह केवल संघ का कार्य नहीं, बल्कि पूरे समाज का दायित्व है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीत निगम