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पौड़ी गढ़वाल, 7 सितंबर (हि.स.)। जिले के पैठानी थाना रेंज में बीते दिनों से जंगली भालू के हमलों ने ग्रामीणों का जीवन संकट में डाल दिया है। यह खूंखार भालू अब तक 35 से अधिक मवेशियों को मार चुका है, जिसके कारण ग्रामीणों में गहरी दहशत और भय का माहौल है।
सबसे अधिक प्रभावित गांवों में कुचौली, कुडील, कठयूड़ और सौंठ शामिल हैं, जबकि रीखौली खण्ड के दो अन्य गांवों में भी हमलों की पुष्टि हुई है। लगातार हो रही घटनाओं को देखते हुए वन विभाग ने इस क्षेत्र में विशेष ऑपरेशन शुरू कर दिया है।
इस मिशन के लिए कुल 17 विशेषज्ञों की 4 टीमें गठित की गई हैं। इनमें 2 डॉक्टर, 2 ट्रेंकुलाइज स्नाइपर और अनुभवी वन्यजीव विशेषज्ञ शामिल हैं। अभियान की कमान स्वयं डीएफओ सिविल पवन नेगी संभाल रहे हैं।
एसडीओ आयशा बिष्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि भालू की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए 1 ड्रोन कैमरा और 10 ट्रैप कैमरे संभावित स्थलों पर स्थापित किए गए हैं। हालांकि विभाग के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि करीब 600 गौशालाओं की चौकसी करनी पड़ रही है, जिससे ऑपरेशन जटिल और समयसाध्य हो गया है। बताया कि शनिवार को सभी 17 सदस्यीय टीमें चार अलग-अलग गांवों में जाकर रातभर ग्रामीणों के साथ भालू की गतिविधियों की मॉनिटरिंग का मुआयना किया। इस दौरान भालू को पकड़ने के लिए पिंजरे और जाल लगाए गए हैं, साथ ही जिन क्षेत्रों में भालू के सबसे अधिक हमले हुए हैं, वहां गतिविधियों को नोट करने के लिए कैमरे इंस्टॉल किए गए हैं।
इसके अलावा टीम द्वारा कई स्थानों पर मचान भी बनाए गए हैं, ताकि निगरानी और ट्रैकिंग को और प्रभावी बनाया जा सके। टीम लीडर डीएफओ सिविल पवन नेगी ने बताया कि भालू की लोकेशन स्पष्ट होते ही ऑपरेशन में और अधिक प्रोफेशनल शूटरों को शामिल किया जाएगा। इस मिशन में स्थानीय ग्रामीण युवाओं का सहयोग भी लिया जा रहा है ताकि क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों का पूरा लाभ उठाया जा सके। डीएफओ पवन नेगी ने कहा कि ट्रैकिंग और मैपिंग का कार्य तीव्र गति से जारी है, और जल्द ही ग्रामीणों को इस आतंक से राहत दिलाई जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार / कर्ण सिंह