हिसार : हकृवि को मिली रैंक सभी वर्गों की मेहनत का परिणाम : डॉ. अशोक गोदारा
173 शिक्षण संस्थाओं व विश्वविद्यालयों में टॉप 10 में स्थान पाया हकृवि नेहिसार, 7 सितंबर (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (हौटा) ने हाल में विश्वविद्यालय को मिली रैंक का स्वागत करते हुए इसे यहां के शिक्षक, गैर शिक्षक स्टाफ व विद्यार्थियो
हौटा अध्यक्ष, डॉ. अशोक गोदारा


173 शिक्षण संस्थाओं व विश्वविद्यालयों में टॉप 10 में स्थान पाया हकृवि नेहिसार, 7 सितंबर (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (हौटा) ने हाल में विश्वविद्यालय को मिली रैंक का स्वागत करते हुए इसे यहां के शिक्षक, गैर शिक्षक स्टाफ व विद्यार्थियों द्वारा लगातार की जा रही मेहनत व कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज के मार्गदर्शन का परिणाम बताया है। हौटा के अनुसार ओवरऑल कैटेगरी में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय पहले 150 सरकारी संस्थानों में से हरियाणा का एकमात्र संस्थान बना है वहीं देश के कृषि विश्वविद्यालयों में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने पहले पांच विश्वविद्यालयों में स्थान पाया है जो बड़ी उपलब्धि है।हौटा अध्यक्ष डॉ. अशोक गोदारा एवं अन्य पदाधिकारियों ने रविवार काे कहा कि रैंक के अनुसार एग्रीकल्चर और एलाइड कैटेगरी में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने 173 शिक्षण संस्थाओं व विश्वविद्यालयों में टॉप 10 में स्थान पाया है वहीं केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क में हकृवि ने परचम लहराया है। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्थान की तरक्की उसके स्टाफ व नेतृत्व पर निर्भर करती है। यहां का शिक्षक व गैर शिक्षक स्टाफ वर्षों से लगातार मेहनत करके विश्वविद्यालय व किसानों के हित में काम कर रहा है। डॉ. अशोक गोदारा ने कहा कि ताजा रैकिंग के अनुसार हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय लगातार देश के टॉप विश्वविद्यालयों में अपना स्थान बनाएं रखने में कामयाब हुआ है। देशभर में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा वर्ष 2025 के लिए जारी नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ)में ओवरऑल कैटेगरी में हिसार स्थित हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय पहले 150 सरकारी संस्थानों में से हरियाणा का एकमात्र संस्थान प्राप्त कर परचम लहराया। साथ ही ओवरऑल कैटेगरी में देश के 4045 विश्वविद्यालयों व संस्थानों में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने 101-150 रैंकिंग प्राप्त की। उन्होंने कहा कि अपनी उपलब्धियों के कारण ही विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान बनाई है, जो स्वागत योग्य है।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर