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- 35 वर्षों में 5वीं बार चंद्रग्रहण के चलते दिन में की गई गंगा आरती
वाराणसी, 7 सितंबर (हि.स.)। चंद्रग्रहण के कारण उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी काशी में रविवार को भरी दोपहरी में मां गंगा की आरती विधि विधान से की गई। धर्मनगरी में 35 वर्षों में 5वीं बार मां गंगा की आरती दिन में हुई। इस दाैरान यहां आई बाढ़ के चलते श्रद्धालु दिन में हुई गंगा आरती देखने से वंचित रहे।
चंद्रग्रहण के चलते प्राचीन दशाश्वमेध घाट पर गंगोत्री सेवा समिति और दशाश्वमेधघाट पर गंगा सेवा निधि की ओर से मां गंगा की सांयकालीन आरती दोपहर में सूतक काल शुरू होने से पहले ही संपन्न हुई। गंगोत्री सेवा समिति के अध्यक्ष पं. किशोरी रमण दुबे ने पत्रकारों को बताया कि 35 वर्षों में यह 5वीं बार है जब मां गंगा की आरती दिन में सम्पन्न कराई गई। इससे पहले 28 अक्टूबर 2023, 16 जुलाई 2019, 27 जुलाई 2018 और 7 अगस्त 2017 को भी इसी कारण आरती का समय बदला गया था। फिलहाल गंगा के बढ़े जलस्तर की वजह से आरती का आयोजन घाट की छत पर किया गया।
गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र ने बताया कि चंद्रग्रहण के सूतक काल से पूर्व मां गंगा की आरती अपने परंपरागत तरीके से दोपहर 12 बजे से शुरू होकर सूतक काल से पूर्व सम्पन्न कराई गई। वर्ष 1991 से स्व. पंडित सतेंद्र मिश्र ने दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा की आरती की शुरूआत की गई थी। यह 35 वर्षों में 5वीं बार दिन में हुई मां गंगा की आरती सम्पन्न कराई गई इस पल के साक्षी कई श्रद्धालु ओर पर्यटक भी हुए। उन्होंने बताया कि
गंगा के जलस्तर में वृद्धि के कारण इस समय भगवती मां गंगा की आरती छत पर सम्पन्न कराई जा रही हैं। गंगा में इस बार सीजन की तीसरी बार भारी बाढ़ आने की वजह से गंगा आरती स्थल बदलने के बाद छत पर ही शुरू की गई। वैदिक परंपराओं के अनुरूप छत पर गंगा आरती अर्चकों ने की।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी