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नई दिल्ली, 7 सितंबर (हि.स.)। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने मांग की कि दिल्ली के लगभग 50 गांवों के किसान, जिनकी खड़ी फसलों का बाढ़ के पानी डूबने से हजारों एकड़ कृषि भूमि जलमग्न होने से हुए नुकसान का प्रति एकड़ 1,00,00 रुपये वित्तीय मुआवजा दिया जाना चाहिए। आर्थिक संकट झेल रहे अधिकतर किसानों ने कर्ज लेकर अपनी भूमि पर खेती करके अपने परिवार का पालन पोषण करते है, बाढ़ के कारण हुए नुकसान के बाद किसानों के समक्ष गंभीर हालात पैदा हो रहे है।
देवेंद्र यादव ने रविवार को एक विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि भाजपा सरकार की निष्क्रियता के कारण यमुना में हथिनीकुंड बैराज से बड़ी मात्रा में छोड़े गए पानी और लगातार बारिश के कारण निचले तटीय क्षेत्रों में पानी भरने से कृषि भूमि को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, जब भी बारिश, बाढ़ या ओलावृष्टि के कारण फसल का नुकसान होता था, तो किसानों को 25,000-50,000 रुपये प्रति एकड़ तक की त्वरित वित्तीय राहत प्रदान की जाती थी। लेकिन दुर्भाग्यवश केजरीवाल सरकार ने 11 साल से अधिक समय में किसानों की पूरी तरह से उपेक्षा की और अब वर्तमान में भाजपा की सरकार किसानों की फसल डूबने से बर्बाद होने के बाद हुए नुकसान की अनदेखी करके किसानों के लिए वही रणनीति अपना रही है।
देवेंद्र यादव ने कहा कि पल्ला, हिरंकी, बक्तावरपुर, सोनारपुर, तिजीपुर, जगतपुर और बुराड़ी सहित दिल्ली के लगभग 50 गांवों की कृषि भूमि पानी में पूरी तरह डूब गई है, जिससे हजारों ग्रामीणों में भारी आर्थिक संकट के बाद अनिश्चितता पैदा हो गई है, क्योंकि उनके पूरे परिवार की आजीविका पूरी तरह कृषि की उपज पर निर्भर थी। किसानों के नुकसान पर न तो दिल्ली के किसी मंत्री और न ही दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने नुकसान का आंकलन करने के लिए उनसे अभी तक कोई मुलाकात की है।
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हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव