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वाराणसी,07 सितम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में न्यायाधीश अनादिकालेश्वर बाबा लाट भैरव का विवाहोत्सव रविवार को चंद्रग्रहण के चलते सूतक काल के पहले ही सम्पन्न हुआ। काशी में अष्ट भैरव में से एक बाबा लाट भैरव की बारात सुबह सात बजे ही निकाली गयी।
लाट भैरव प्रबंधक समिति की ओर से हरतीरथ स्थित इन्ना माई की गली से बारात निकली। शहर दक्षिणी के विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी ने बाबा के रजत मुखौटे का षोड्षोपचार पूजन-अर्चन में भाग लिया और बाबा के बारात में भी शामिल हुए। बारात मार्ग विशेश्वरगंज, भैरवनाथ चौराहा, जतनबर, कतुआपुरा, अंबियामंडी, बलुआबीर, हनुमानफाटक, तेलियाना होते हुए नउआपोखर स्थित लाट भैरव बाजार में बनाए गए जनवासे तक पहुंची। श्री लाट भैरव डमरू दल के सदस्य सबसे आगे निनाद करते चल रहे थे।
क्षेत्रीय और श्रद्धालुओं ने बाबा के रथ की राह में फूल बिछाए और आरती उतारकर स्वागत किया। इस दौरान बाबा लाट भैरव की बारात में शामिल श्रद्धालु हर-हर महादेव का जयघोष करते रहे। रथ पर सवार बाबा के रजत स्वरूप का दर्शन करने के लिए रास्ते भर भक्तों की कतार लगी रही। बारात के लाट भैरव मंदिर पहुंचते ही बाबा का द्वारपूजन हुआ। तदुपरांत रजत मुखौटे को मंदिर की पांच परिक्रमा कराने के बाद विग्रह पर विराजमान कर विधि विधान से वैवाहिक अनुष्ठान पूर्ण कराया गया।
चंद्रग्रहण का असर, दिन में निकली बारात
रविवार को चंद्रग्रहण रात 9 बजकर 27 मिनट पर लग रहा है। जिसका सूतक काल दोपहर 12 बजकर 57 मिनट पर शुरू हो गया। ऐसे में बाबा लाट भैरव की बारात भी सुबह निकाली गयी। सुबह सात बजे इन्नामाई के मंदिर से निकली बारात दोपहर साढ़े 11 बजे लाट भैरव मंदिर सूतक लगने के पहले पहुंच गई।
इतिहास में ऐसा दो बार हुआ
श्री लाट भैरव समिति के अध्यक्ष रोहित जायसवाल ने बताया कि परंपरा के अनुसार बाबा लाट भैरव की बारात आज निकाली गयी है। चंद्रग्रहण की वजह से बाबा लाट भैरव की बारात दिन में निकाली गई। बुजर्गों के अनुसार यह इतिहास में तीसरी बार है जब दिन में बारात निकाली जा रही है। दूसरी बार चंद्रग्रहण की वजह से तो एक बार वैश्विक महामारी कोविड काल में दिन में बारात निकाली गयी थी।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी