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-1680 स्कूलों पर लगाया जुर्माना वापस लेने की मांग
-134-ए व चिराग योजना का पैसा नहीं देने का आरोप
चंडीगढ़, 6 सितंबर (हि.स.)। एक तरफ हरियाणा सरकार ने शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत दाखिलों का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं देने पर निजी स्कूलों के विरूद्ध कार्रवाई शुरू कर दी गई है ताे वहीं निजी स्कूल संचालकों ने इस कार्रवाई के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेश अध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने शनिवार को चंडीगढ़ में जारी बयान में कहा कि आरटीई के तहत खाली सीटों की जानकारी न देने व मान्यता सम्बन्धी दस्तावेज समय पर अपलोड न करने के कारण हजारों स्कूलों के एमआईएस पोर्टल शिक्षा विभाग ने तीन महीने पहले बंद कर दिए थे। शिक्षा विभाग ने कार्रवाई करते हुए 1680 स्कूलों पर 30 हजार से लेकर 70 हजार रुपए तक जुर्माना लगा दिया है जो कि सरासर गलत है।
इस मामले में कई जिलों में शिक्षा विभाग की भी लापरवाही रही है क्योंकि उन्होंने मेल, टेलीफ़ोन या लिखित सूचना के माध्यम से स्कूलों को समय रहते सूचित नहीं किया। कुंडू ने कहा कि कुछ स्कूलों के चिराग योजना के सत्र 2023-24 के बच्चों के शिक्षा विभाग ने कागजात वेरीफाई करके उनके निर्धारित पैसे भी स्कूल को दे दिए लेकिन ये बच्चे प्रमोट होकर अगली कक्षा में हो गए तो सत्र 2024-25 में चिराग योजना की लिस्ट में इन बच्चो का नाम ही नहीं आया और कोई पैसा स्कूल को नहीं मिला। कक्षा नौवीं से बारहवीं कक्षा तक दस वर्षों का पैसा प्रदेश में किसी भी स्कूल को नहीं दिया गया और यहां तक कि दूसरी से आठवीं तक का भी 134-ए का दो वर्षों का पैसा बकाया है इसका जुर्माना कौन भरेगा। उन्होंने कहा कि अगर किसी स्कूल से डॉक्यूमेंट अपलोड करते समय किसी कागजात की कमी रह जाती है तो उसकी लिखित सूचना स्कूल को जरूर दी जाए ताकि वह उस कमी को टाईम रहते पूरा कर सके। प्राईवेट स्कूल संघ ने शिक्षा निदेशक से जुर्माना माफ करने तथा चिराग योजना, आरटीई व 134 ए का पैसा जल्द से जल्द देने की मांग की है।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा