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कोलकाता, 06 सितंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में आगामी 7 सितंबर को प्रस्तावित एसएससी भर्ती परीक्षा को लेकर बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या यह परीक्षा दागी मुक्त होगी। बार-बार पूछे जाने के बावजूद स्कूल सर्विस कमीशन (एसएससी) के चेयरमैन सिद्धार्थ मजूमदार इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट जवाब देने से बचते रहे।
उच्चतम न्यायालय ने कई बार एसएससी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि किसी भी ‘दागी’ उम्मीदवार को नई परीक्षा में बैठने की अनुमति न मिले। अदालत ने यह भी कहा था कि केवल एसएससी की सूची में दर्ज दागी ही नहीं, बल्कि वे लोग भी जो स्कूलों में ज्वाइन नहीं कर पाए, मगर ‘दागी’ श्रेणी में आते हैं, उन्हें भी परीक्षा से बाहर रखा जाए। इसी पृष्ठभूमि में शनिवार रात एसएससी ने 1806 दागी शिक्षक-शिक्षिकाओं की सूची जारी की।
हालांकि, यह आशंका बनी हुई है कि कहीं इनमें से कुछ लोग नए भर्ती प्रोसेस में शामिल तो नहीं हो गए हैं। इस पर सवाल किए जाने पर शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान चेयरमैन मजूमदार ने कहा कि इस तरह के प्रश्नों का उत्तर वे 14 सितंबर के बाद देंगे। उच्चतम न्यायालय की बार-बार की चेतावनी के बावजूद परीक्षा के पूर्वसंध्या तक आयोग की चुप्पी संदेह पैदा कर रही है।
गौरतलब है कि, इस मुद्दे पर पूर्व में उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार और एसएससी दोनों को कड़ी फटकार लगाई थी। न्यायमूर्ति ने यहां तक कहा था, “ये कौन-से नयन-मणि हैं जिनके लिए एडवोकेट जनरल दलील दे रहे हैं?” इसके बावजूद दागी उम्मीदवारों के सवाल पर आयोग मौन बना रहा।
इस बीच, मजूमदार ने दावा किया कि परीक्षा प्रक्रिया में नकल और अनियमितता रोकने के लिए कई सुरक्षा उपाय लागू किए गए हैं। उनका कहना है कि हर प्रश्नपत्र और उत्तरपुस्तिका में अलग-अलग सुरक्षा फीचर होंगे, जिनकी मदद से अवैध गतिविधियों को आधे घंटे के भीतर पकड़ लिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने इन सुरक्षा उपायों का ब्योरा साझा करने से परहेज किया। ------------------------
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर