Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
प्रयागराज, 06 सितम्बर (हि.स.)। अध्यात्म का शाब्दिक अर्थ है आत्मा पर आधारित। आत्मा ही हमारी सत्य पहचान है। आज हम सभी दैहिक आधार पर अपनी बाहरी पहचान बनाए हुए हैं। उक्त विचार मुम्बई से आए मुख्य वक्ता अंतरराष्ट्रीय प्रख्यात काउंसलर प्रोफेसर ई. वी. गिरीश ने शनिवार को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय राजयोग शिविर के प्रथम दिन का उद्घाटन करने के उपरान्त व्यक्त किया।
ब्रह्मकुमारीज के धनुआ स्थित मुख्य सेवा केंद्र सद्भावना भवन में मुख्य वक्ता ने आगे कहा कि नाम, रूप व्यवसाय, धन सम्पत्ति को पहचान बनाकर हम जीवन जीते हैं। परंतु इससे जीवन में संतुष्टता एवं भरपूरता का अनुभव नहीं करते और हमेशा तनाव में जीते रहते हैं। इसके अतिरिक्त जब हम अपनी सत्य पहचान को जानकर, समझकर और उसके आधार पर जीवन जीते हैं तो हम संतुष्ट रहते हैं। हमसे हमारे आसपास के सभी लोग संतुष्ट रहते हैं और हम एक बेहतर समाज का निर्माण करते हैं। इसके लिए राजयोग का ज्ञान एवं अभ्यास बहुत ही उपयोगी है। जो ब्रह्माकुमारीज में निःशुल्क सिखाया जाता है और सभी को इसे जरूर ही सीखना चाहिए।
कार्यक्रम में विशेष अतिथि के तौर पर पूर्व सांसद डॉ रीता बहुगुणा जोशी, महापौर गणेश केसरवानी, महारानी चाय के डायरेक्टर प्रमोद बंसल एवं शहर के अन्य गणमान्यजन सहित सैकड़ो की संख्या में लोगों ने पहुंचकर शिविर का फायदा उठाया। इस अवसर पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र