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मीरजापुर, 6 सितंबर (हि.स.)। पितृपक्ष की तिथियों में हर वर्ष की तरह इस बार भी शनिवार को विंध्याचल क्षेत्र स्थित रामगया घाट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और अपने पितरों के मोक्ष के लिए पिंडदान किया। खोया, जौ का आटा, तिल, घी आदि सामग्री से बने पिंडों को पुरोहितों के मंत्रोच्चार के बीच गंगा में अर्पित किया गया।
श्रद्धालुओं ने बताया कि पितरों के श्राद्ध में गया न पहुंच पाने वाले लोग रामगया घाट पर पिंडदान करते हैं। इसी परंपरा के अंतर्गत लोग कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों तिथियों में आकर पितृ तर्पण करते हैं। हालांकि, श्रद्धालुओं को इस दौरान भारी अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ा। घाट पर शिल्ट जमने से फिसलन, गंगा में स्नान के दौरान बैरिकेटिंग का अभाव और क्षतिग्रस्त मार्ग ने लोगों को परेशान किया। सुबह से ही पहुंचे लोगों को व्यवस्था न होने के कारण दिक्कत झेलनी पड़ी।
गौरतलब है कि पितृपक्ष के पूरे 15 दिनों तक प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग रामगया घाट पहुंचकर तर्पण करते हैं। वहीं अमावस्या तिथि पर लाखों की भीड़ उमड़ती है। लेकिन नगर पालिका की लापरवाही के चलते इस वर्ष श्रद्धालुओं को असुविधा का सामना करना पड़ सकता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा