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कोलकाता, 06 सितंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। शनिवार को उत्तर 24 परगना जिले के हाबरा स्थित रूपकथा सिनेमा हॉल के बाहर लोगों के एक समूह ने प्रदर्शन कर फिल्म की स्क्रीनिंग की मांग की। प्रदर्शनकारी तिरंगा और फिल्म के पोस्टर हाथों में लिए थे, लेकिन किसी राजनीतिक दल का झंडा वहां मौजूद नहीं था। पुलिस के अनुसार, यह विरोध शांतिपूर्ण रहा।
गौरतलब है कि, यह फिल्म 5 सितंबर को देशभर में रिलीज हुई थी, मगर बंगाल में अब तक किसी थिएटर को स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं मिली। निर्देशक विवेक अग्निहोत्री का आरोप है कि राज्य सरकार के दबाव और राजनीतिक भय दिखाने के कारण फिल्म पर “अनौपचारिक प्रतिबंध” लगाया गया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “आखिरकार बंगाल के लोग सिनेमाघरों में इस अनौपचारिक बैन के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।”
फिल्म वितरक कंपनियों का कहना है कि बंगाल में मौजूदा नियमों के तहत प्रमुख समय स्लॉट बंगाली फिल्मों को दिए जाते हैं। साथ ही बड़े बजट की बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्मों की मांग के चलते ‘द बंगाल फाइल्स’ को न तो मल्टीप्लेक्स और न ही सिंगल स्क्रीन में जगह मिल पा रही है।
वहीं, तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने फिल्म को “प्रचार आधारित” करार दिया और आरोप लगाया कि अग्निहोत्री समाज में विभाजन पैदा कर भाजपा की राजनीतिक एजेंडा को साधने की कोशिश कर रहे हैं।
1946 के ‘डायरेक्ट एक्शन डे’ और उसके बाद हुए कलकत्ता दंगों की पृष्ठभूमि पर बनी यह फिल्म उन ऐतिहासिक घटनाओं को परदे पर उकेरती है, जिनमें व्यापक हिंसा और जनहानि हुई थी। फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती, अनुपम खेर, पल्लवी जोशी, सास्वत चटर्जी, दर्शन कुमार और सौरव दास प्रमुख भूमिकाओं में हैं। -------------------
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर