आखिरकार चल गया श्री रामस्वरूप यूनिवर्सिटी के अवैध निर्माण पर बुलडोजर
17 वर्षों से अवैध रूप से 15 बीघे तालाब पर काबिज थी यूनिवर्सिटी।
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बाराबंकी, 6 सितंबर (हि.स.)। श्रीराम स्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय (एसआरएमयू) के खिलाफ 11 साल पूर्व जारी हुए बेदखली आदेश का अनुपालन आखिरकार शनिवार को शुरू हुआ। तहसील प्रशासन ने भारी पुलिस बल और तीन बुलडोज़रों के साथ विश्वविद्यालय परिसर की पैमाइश की और सरकारी जमीन पर बने तीन अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू की।

जानकारी के अनुसार, विश्वविद्यालय ने बीते 17 वर्षों में दो तालाब, मुख्य मार्ग, चकमार्ग, नाली, नवीन परती और बंजर सहित करीब 15 बीघे सरकारी भूमि पर कब्जा कर लिया था। इनमें से बंजर भूमि पर बने एनीमल हाउस, रीप्रोसेसिंग प्लांट और कैंटीन को अवैध निर्माण मानते हुए शनिवार शाम बुलडोज़र चलाया गया। हालांकि अंधेरा होने के कारण कार्यवाही अधूरी रह गई। रविवार को प्रशासन पैमाइश और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई आगे बढ़ाएगा।

इस कार्रवाई से पहले विश्वविद्यालय पर शासन-प्रशासन का शिकंजा कसना एक सितंबर को हुए बवाल के बाद शुरू हुआ था। उस समय बिना मान्यता के तीन वर्षों से विधि पाठ्यक्रम संचालित करने का आरोप विश्वविद्यालय पर लगा था।

गौरतलब है कि वर्ष 2015 में तहसीलदार न्यायालय से दो आदेश जारी हुए थे, जिनमें संबंधित गाटा संख्या और भूमि प्रकार का उल्लेख करते हुए बेदखली के निर्देश दिए गए थे। बावजूद इसके कार्रवाई अब तक लंबित रही। शनिवार को आखिरकार जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी के निर्देशन में प्रशासन ने बुलडोज़र कार्रवाई शुरू कर दी।

जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने बताया कि “एसआरएमयू परिसर की पैमाइश कर सरकारी जमीन पर बने अवैध निर्माण को चिन्हित कर ध्वस्त किया जा रहा है। शनिवार को प्रक्रिया पूरी न हो सकी, रविवार को यह कार्रवाई जारी रहेगी।”

हिन्दुस्थान समाचार / पंकज कुमार चतुवेर्दी