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नई दिल्ली, 06 सितंबर (हि.स.)।केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जीएसटी की नई दरें और स्लैब से कृषि के क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर असर दिखाई देगा। इससे विशेष कर छोटे और मंझोले किसानों को बहुत लाभ होगा, कृषि उपकरणों पर जीएसटी दरें कम होने के कारण कृषि की लागत घटेगी और किसानों का मुनाफा बढ़ेगा।
शनिवार को मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में शिवराज सिंह ने कहा कि जैव-कीटनाशक और सूक्ष्म-पोषक तत्वों पर जीएसटी घटाई गई है, जिससे किसानों को लाभ होगा। साथ ही, रासायनिक उर्वरकों से जैव उर्वरकों की तरफ किसानों की प्रवृति निश्चित रूप से बढ़ेगी। डेयरी क्षेत्र में अब दूध और पनीर पर कोई जीएसटी नहीं होगा। इससे आम आदमी को तो लाभ होगा ही, साथ ही किसानों, पशुपालकों और दुग्ध उत्पादकों को भी फायदा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प है कि खेती में उत्पादन की लागत घटाना और उत्पादन बढ़ाना। उत्पादन बढ़ेगा और लागत घटेगी तो किसान का खेती में मुनाफा बढ़ेगा।
जीएसटी में जो सुधार किए गए हैं अगर उन्हें देखें तो उनका बड़ा लाभ देश के किसानों को मिलने वाला है। कुछ कंपनियों ने शुरू कर दिया है। कृषि उपकरण चाहे वो ट्रैक्टर हो, हार्वेस्टर, रोटावेटर हो, अलग-अलग तरह के जो जीएसटी घटाकर 5 प्रतिशत की गई है वो किसान के लिए वरदान सिद्ध होगी।
हमारे देश के किसानों की जोत का आकार छोटा है। इसलिए हम कोशिश कर रहे हैं इंटीग्रेटेड फार्मिंग की मतलब खेती के साथ किसान खेती से जुड़े और एलाइड सेक्टर के बाकी काम कुछ न कुछ करे।
जैसे पशुपालन, मधुमक्खी पालन, मछली पालन, कृषि वानिकी, भेड़-बकरी पालन, पॉल्ट्री फार्म क्योंकि कृषि और पशुपालन तो एक-दूसरे के पूरक हैं। उस पर भी जीएसटी में जो छूट दी गई है वो भी हमारी खेती और किसानों के लिए वरदान सिद्ध होगी। हस्तशिल्प, चमड़े का सामान, दूध उत्पाद के काम में व्यापक पैमाने पर महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप काम कर रहे हैं। जिन्होंने कई बहनों को लखपति दीदी बना दिया है। उनकी ज़िंदगी भी जीएसटी में इस छूट से और बेहतर होगी, आमदनी बढ़ेगी और लखपति दीदी के आंदोलन को भी नई ताकत मिलेगी।
उन्होंने जीएसटी सुधारों का एक उदाहरण देकर कहा कि अगर ट्रैक्टर 9 लाख रुपये में आता था तो अब उसपर किसान को 65 हजार रुपये की बचत होगी। इसके साथ डेरी क्षेत्र में अब दूध और पनीर पर कोई जीएसटी नहीं होगा इससे आम आदमी को तो लाभ होगा ही, इसकी मांग भी बढ़ेगी और दूध खरीदकर डेरी उत्पाद तैयार करने वाले भी लाभ में रहेंगे। किसानों को भी सीधा जो दुग्ध उत्पादक, पशुपालक हैं, उनको सीधा फायदा होगा।
मक्खन, घी इनपर जीएसटी कम की गई है तो निश्चित तौर पर यह स्वदेशी उत्पाद ज्यादा बिकना प्रारंभ होंगे। दूध के डिब्बों पर भी जीएसटी घटाई गई है, उसका लाभ भी डेरी क्षेत्र को मिलेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी