जापानी सांसद ने किया निर्वासित तिब्बती संसद का दौरा
धर्मशाला, 06 सितंबर (हि.स.)।​ जापान के सांसद वाडा युइचिरो ने धर्मशाला में निर्वासित तिब्बती संसद का दौरा किया और तिब्बती संसद के अध्यक्ष खेनपो सोनम तेनफेल और उपाध्यक्ष डोलमा त्सेरिंग तेयखांग से मुलाकात की। ​मुलाकात के दौरान, वाडा युइचिरो ने अध्यक्ष
निर्वासित तिब्बती संसद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष जापानी सांसद का स्वागत करते हुए।


धर्मशाला, 06 सितंबर (हि.स.)।​ जापान के सांसद वाडा युइचिरो ने धर्मशाला में निर्वासित तिब्बती संसद का दौरा किया और तिब्बती संसद के अध्यक्ष खेनपो सोनम तेनफेल और उपाध्यक्ष डोलमा त्सेरिंग तेयखांग से मुलाकात की।

​मुलाकात के दौरान, वाडा युइचिरो ने अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को तिब्बत के लिए जापान संसदीय सहायता समूह की अध्यक्ष यामातनी एरिका का संदेश सौंपा। यह वही संदेश था जो उन्होंने 65वें तिब्बती लोकतंत्र दिवस समारोह के दौरान पढ़ा था। इस दौरे पर उनके साथ जापान में दलाई लामा के संपर्क कार्यालय के प्रतिनिधि सेवांग ग्यालपो आर्य भी थे।

​तिब्बती संसद के अध्यक्ष ने जापानी सांसद का स्वागत करते हुए लोकतंत्र दिवस समारोह में उनकी भागीदारी के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस वर्ष को करुणा का वर्ष बताते हुए इसकी विशेष महत्ता पर जोर दिया, जो दलाई लामा की 90वीं जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जा रहा है। उन्होंने इस साल की शुरुआत में टोक्यो में आयोजित 9वें विश्व संसदीय सम्मेलन की सफलता को भी एशियाई देशों के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया।

​अध्यक्ष ने तिब्बती लोकतंत्र के विकास की प्रमुख घटनाओं को याद किया, जिसमें 1960 में लोकतांत्रिक संस्थानों की स्थापना, कालोन त्रिपा का सीधा चुनाव और दलाई लामा द्वारा केंद्रीय तिब्बती प्रशासन को राजनीतिक अधिकार सौंपना शामिल है।

​सांसद वाडा युइचिरो ने जापान की निरंतर एकजुटता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि निर्वासन के बाद दलाई लामा ने सबसे पहले जापान का दौरा किया था और तिब्बत के लिए जापान का संसदीय सहायता समूह दुनिया में सबसे बड़ा है।

​उपाध्यक्ष डोलमा सेरिंग तेखांग ने जापान के लोकतांत्रिक मूल्यों की प्रशंसा की और विश्व संसदीय सम्मेलन की मेजबानी के लिए जापान को धन्यवाद दिया।

हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया