भोपाल में ढोल-ढमाकों के साथ दी जा रही बप्पा को विदाई, उत्साह-श्रद्धा के साथ गणेश मूर्तियों का विसर्जन शुरू
- गणेश मूर्तियों के विसर्जन को लेकर की गई पुख्‍ता व्‍यवस्‍था भोपाल, 6 सितम्‍बर (हि.स.) । मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित प्रदेशभर में गणेश उत्सव का समापन पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ हो रहा है। भोपाल में शनिवार सुबह से ही शहर के 6 प्रमुख घाटों प
भोपाल में गणेश मूर्तियों का विसर्जन


भोपाल में गणेश मूर्तियों का विसर्जन


- गणेश मूर्तियों के विसर्जन को लेकर की गई पुख्‍ता व्‍यवस्‍था

भोपाल, 6 सितम्‍बर (हि.स.) । मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित प्रदेशभर में गणेश उत्सव का समापन पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ हो रहा है। भोपाल में शनिवार सुबह से ही शहर के 6 प्रमुख घाटों पर गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन शुरू हो गया है। श्रद्धालु ढोल-नगाड़ों, नृत्य और गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ! जयकारों के साथ अपने आराध्य गणपति बप्पा को विदाई दे रहे हैं। प्रशासन ने भी सुरक्षा और पर्यावरण का ध्यान रखते हुए बड़ी मूर्तियों के विसर्जन के लिए क्रेनों की व्यवस्था की है, जबकि छोटी प्रतिमाओं को विशेष बनाए गए विसर्जन कुंडों में विसर्जित किया जा रहा है।

गणेश मूर्तियों के विसर्जन को लेकर भोपाल नगर निगम और जिला प्रशासन द्वारा शहर भर में 33 स्थानों पर अस्थायी कुंड और सहायता स्टॉल स्थापित किए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो। विसर्जन स्थलों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। साथ ही गोताखोर, होमगार्ड, पुलिसकर्मी और नगर निगम की टीमें तैनात हैं। रात देर तक चलने वाले विसर्जन कार्यक्रम के लिए पुलिसकर्मियों की 24 घंटे ड्यूटी लगाई गई है। बता दें कि पिछले दो दिन से मूर्तियों का विसर्जन किया जा रहा है। वहीं, आज शनिवार को लाखों मूर्तियां विसर्जित होने का अनुमान है।

नगर निगम, प्रशासन और पुलिस ने घाटों पर संभाला मोर्चा

डोल ग्यारस (एकादशी) से ही नगर निगम, प्रशासन और पुलिस के अमले ने घाटों पर मोर्चा संभाल लिया था। यह अमला 8 सितंबर तक घाटों पर तैनात रहेगा। पूर्व में हुए हादसों से सबक लेते हुए इस बार सुरक्षा के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। पानी में उतरकर मूर्ति विसर्जन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। सभी प्रमुख घाटों पर बड़ी मूर्तियों के लिए क्रेन की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालु पूजा-पाठ के बाद मूर्ति को क्रेन पर रखेंगे, जिसके बाद उसे तालाब में विसर्जित किया जायेगा। वहीं, छोटी प्रतिमाओं के लिए घाटों पर कुंड बनाए गए हैं, जहां भक्त प्रतिमाओं का विधिपूर्वक विसर्जन कर रहे हैं।

पर्यावरण संरक्षण का भी रखा गया ध्यान

गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए इस बार भोपाल में निर्माल्य (पूजन सामग्री) को तालाबों में प्रवाहित नहीं किया जा रहा है। नगर निगम ने सभी प्रमुख विसर्जन घाटों पर विशेष व्यवस्था की है, जहां पूजा के दौरान निकली फूल-माला, फल, नारियल व अन्य सामग्री को अलग से इकट्ठा किया जा रहा है। नगर निगम अधिकारियों के अनुसार, इस वर्ष करीब 60 टन निर्माल्य एकत्र होने का अनुमान है। इन सामग्रियों को जैविक रूप से प्रोसेस कर जैविक खाद (ऑर्गेनिक कंपोस्ट) में बदला जाएगा। यह खाद नगर निगम के उद्यानों और हरियाली मिशनों में उपयोग की जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार / उम्मेद सिंह रावत