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शिमला, 06 सितंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश को पर्यटन और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए प्रदेश सरकार ने बड़े पैमाने पर रोप-वे परियोजनाएं शुरू की हैं। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं से न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि परिवहन का एक सशक्त वैकल्पिक साधन भी उपलब्ध होगा। इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और युवाओं के लिए रोजगार के हजारों अवसर सृजित होंगे।
उन्होंने बताया कि शिमला में 13.79 किलोमीटर लंबी रोप-वे परियोजना को अंतिम स्वीकृति मिल चुकी है। 1734.70 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस परियोजना को चार वर्षों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य है। इसमें 3 लाइनें, 14 सेक्शन और 13 स्टेशन होंगे। सचिवालय, अस्पताल, स्कूल, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड जैसे प्रमुख स्थलों को इस नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शिमला में 50 करोड़ रुपये की लागत से 19 इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट और 25 करोड़ रुपये की लागत से 3 प्रोजेक्ट दिसंबर 2026 तक पूरे किए जाएंगे। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बाबा बालकनाथ मंदिर रोप-वे (65 करोड़), बिजली महादेव रोप-वे (278.62 करोड़) और माता चिंतपूर्णी मंदिर रोप-वे (76.50 करोड़) का निर्माण कार्य जारी है। ये परियोजनाएं जून 2027 तक पूरी की जाएंगी।
ग्रामीण कनेक्टिविटी को बढ़ावा देते हुए प्रदेश में देश का पहला बगलामुखी रोप-वे दिसंबर 2024 में शुरू किया गया। 53.89 करोड़ रुपये की लागत से बने इस रोप-वे का अब तक लगभग 69 हजार यात्री लाभ उठा चुके हैं। आपदा के समय यह स्थानीय लोगों और राहत कार्यों के लिए जीवन रेखा साबित हुआ।
पर्यटन कनेक्टिविटी को बढ़ाते हुए कुल्लू के ढालपुर से पीज तक 1.20 किलोमीटर लंबे रोप-वे का निर्माण कार्य भी तेज़ी से चल रहा है। इस प्रोजेक्ट पर 80 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे और इसे जून 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला को परवाणु से जोड़ने के लिए 38 किलोमीटर लंबी रोप-वे परियोजना की भी योजना है, जिसकी अनुमानित लागत 5602.56 करोड़ रुपये है। यह परियोजना पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मोड पर पूरी होगी और पूरे देश में वैकल्पिक परिवहन व्यवस्था का नया मील का पत्थर बनेगी।
अग्निहोत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं से जहां यातायात जाम की समस्या से राहत मिलेगी, वहीं ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी आएगी। उन्होंने विश्वास जताया कि रोप-वे परियोजनाएं हिमाचल को स्विट्जरलैंड की तर्ज़ पर पर्यटन हब बनाने में अहम भूमिका निभाएंगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा