हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: न्यू टाउन का 26 मंजिला अवैध इमारत दो महीने में गिराने का आदेश
कोलकाता, 06 सितंबर (हि.स.)। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने न्यू टाउन इलाके में बने 26 मंजिला एक अवैध इमारत को दो महीने में तोड़ने का आदेश दिया है। इसके साथ ही अदालत ने न्यू टाउन कोलकाता डेवलपमेंट अथॉरिटी (एनकेडीए) के उन अधिकारियों के खिलाफ भी विभागीय और
कलकत्ता हाई कोर्ट


कोलकाता, 06 सितंबर (हि.स.)। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने न्यू टाउन इलाके में बने 26 मंजिला एक अवैध इमारत को दो महीने में तोड़ने का आदेश दिया है। इसके साथ ही अदालत ने न्यू टाउन कोलकाता डेवलपमेंट अथॉरिटी (एनकेडीए) के उन अधिकारियों के खिलाफ भी विभागीय और आपराधिक जांच का निर्देश दिया है, जिन्होंने इस निर्माण को मंजूरी दी थी।

मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति राजाशेखर मंथा और न्यायमूर्ति अजय कुमार गुप्ता की डिवीजन बेंच ने की। अदालत ने स्पष्ट कहा कि वर्ष 2007 में जिस शर्त के आधार पर निर्माण परियोजना को अनुमति दी गई थी, उसी को देखकर खरीदारों ने फ्लैट लिए थे। बाद में अतिरिक्त टॉवर बनाने की अनुमति देना पूरी तरह अवैध था।

गौरतलब है कि, 2007 में एक निजी कंपनी को न्यू टाउन में 15 टावरों में कुल 1278 फ्लैट बनाने की अनुमति मिली थी। लेकिन वर्ष 2014 में इस पूरे प्रोजेक्ट को दूसरी कंपनी को बेच दिया गया। आरोप है कि नई कंपनी को बाद में अतिरिक्त 16वां टॉवर बनाने की इजाजत दे दी गई। यह टॉवर 26 मंजिला है और इसमें 233 फ्लैट बनाए गए।

15 टावरों के मौजूदा निवासियों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। उनका आरोप था कि इस नए टॉवर की वजह से उन्हें रोशनी और हवा मिलना बंद हो गया। साथ ही, इस निर्माण के लिए उनकी सहमति भी नहीं ली गई।

लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने माना कि अतिरिक्त टॉवर की अनुमति पूरी तरह गैरकानूनी थी और इसे केवल आर्थिक मुआवजे से नहीं सुलझाया जा सकता। इसलिए उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि 26 मंजिला यह टॉवर दो महीने के भीतर गिरा दिया जाए। साथ ही, जिन लोगों ने इसमें फ्लैट खरीदे हैं, उन्हें उनकी मूल राशि सात प्रतिशत ब्याज सहित लौटाई जाए। ------------------

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर