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गुवाहाटी, 06 सितंबर (हि.स.)। केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम (का) के तहत आवेदन की समयसीमा बढ़ाने को लेकर असम गण परिषद (अगप) ने कड़ा विरोध जताया है। शनिवार को आमबारी स्थित पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पूर्व सांसद कुमार दीपक दास ने कहा कि केंद्र का यह निर्देश असम समझौते का अपमान है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि असम समझौते पर अगप ने कभी समझौता नहीं किया है और आगे भी नहीं करेगी। पार्टी ने कहा कि एनडीए का घटक दल होने के बावजूद वह इस निर्देश का समर्थन नहीं करेगी। अगप ने पहले 'कैब' और अब 'का' का विरोध किया है और देश की अन्य राजनीतिक पार्टियों से भी इस कानून का विरोध करने की अपील की थी।
अगप ने पहले ही का को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके आधार पर अदालत ने असम और उत्तर-पूर्व क्षेत्र के लिए अलग से सुनवाई करने का निर्देश दिया था। पार्टी ने ऐलान किया कि केंद्र के हालिया आदेश को चुनौती देते हुए वह पुनः सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेगी।
अगप नेताओं ने कहा कि असम समझौते को नकारने के किसी भी प्रयास का वे डटकर विरोध करेंगे और कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे। संवाददाता सम्मेलन में उपाध्यक्ष डॉ. जयनाथ शर्मा, महासचिव रमेंद्र नारायण कलिता, डॉ. तपन दास, सुनील डेका, सचिव किशोर देउरी, प्रचार सचिव अंशुमान दत्ता, असम युवा परिषद के अध्यक्ष जीतु बरगोहाईं और कार्यकारी अध्यक्ष हृषिकेश शर्मा मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश