हिसार : गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के छात्रों का बढ़ेगा कौशल :बिश्नोई
गुजविप्रौवि व सीपीपीआरआई के बीच हुआ मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टेंडिंग (एमओयू) हिसार, 5 सितंबर (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय एवं सेंट्रल पल्प एंड पेपर रिसर्च इंस्टीट्यूट, सहारनपुर (सीपीपीआरआई) पैकेजिंग तथा
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई व सीपीपीआरआई के निदेशक डॉ. आशीष कुमार एमओयू का आदान-प्रदान करते हुए।


गुजविप्रौवि व सीपीपीआरआई के बीच हुआ मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टेंडिंग (एमओयू)

हिसार, 5 सितंबर (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय

एवं सेंट्रल पल्प एंड पेपर रिसर्च इंस्टीट्यूट, सहारनपुर (सीपीपीआरआई) पैकेजिंग तथा

मुद्रण से संबंधित विभिन्न तकनीकों पर मिलकर कार्य करेंगे। इससे गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय

के विद्यार्थियों के कौशल में बढ़ोत्तरी होगी तथा उनके लिए रोजगार के और अधिक अवसर उपलब्ध

होंगे।

इस संबंध में गुजविप्रौवि व सीपीपीआरआई के बीच शुक्रवार काे एक मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टेंडिंग

(एमओयू) हुआ है। गुजविप्रौवि की ओर से कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई और सीपीपीआरआई

की ओर से निदेशक डॉ. आशीष कुमार ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। गुजविप्रौवि के कुलसचिव

डा. विजय कुमार, डीन इंटरनेशनल अफेयर्स प्रो. नमिता सिंह व सीपीपीआरआई के की नंदिनी

शर्मा ने गवाह के रूप में हस्ताक्षर किए।

कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि यह एमओयू विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों,

शोधार्थियों व शिक्षकों के लिए लाभकारी होगा। इस एमओयू के माध्यम से गुजविप्रौवि तथा

सीपीपीआरआई शैक्षणिक, सांस्कृतिक, अनुसंधान, प्रशिक्षण और प्लेसमेंट सहयोग को बढ़ावा

देंगे और गति प्रदान करेंगे। दोनों संस्थान

विशिष्ट रूप से चिन्हित क्षेत्रों (परन्तु इन्हीं तक सीमित नहीं) जैसे सेल्यूलोज और

सेल्यूलोज व्युत्पन्न, नैनोसेल्यूलोज, रेशे की आकृति विज्ञान और संरचना, लुगदी प्रक्रिया,

जैव प्रौद्योगिकी, कागज और कागज-आधारित पैकेजिंग और मुद्रण आदि में अनुसंधान एवं विकास

पर संयुक्त रूप से कार्य करेंगे।

निदेशक डॉ. आशीष कुमार ने कहा कि 1980 में स्थापित, सीपीपीआरआई भारत सरकार

के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण

में एक स्वायत्त निकाय है। सीपीपीआरआई लुगदी और कागज के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास

को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि यह समझौता

ज्ञापन दोनों संस्थानों के लिए अत्यंत लाभकारी है।

कुलसचिव डॉ. विजय कुमार ने कहा कि दोनों संस्थान व्यापक रूप से इस क्षेत्र

के लाभ के लिए सहकारी अनुसंधान गतिविधियों को आगे बढ़ाएंगे तथा आपस में विशेषज्ञता साझा

करेंगे। दोनों संस्थान एक-दूसरे को शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग के लिए उत्कृष्टता केंद्र

के रूप में मान्यता भी देंगे।

डीन इंटरनेशनल अफेयर्स प्रो. नमिता सिंह ने कहा कि दोनों संस्थान आपसी सहमति

से उभरते क्षेत्रों पर सेमिनार, संगोष्ठियां, सम्मेलन और छात्र शैक्षिक भ्रमण आयोजित

करेंगे। दोनों संस्थान राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय वित्त पोषण के सहयोग से संयुक्त शोध

गतिविधियां संचालित करेंगे। इस अवसर पर प्रो. संदीप आर्य, प्रो. अनिल भानखड़, प्रो. अर्चना कपूर, डा. वंदना

व डा. प्रभजोत भी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर