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नई दिल्ली, 05 सितंबर (हि.स)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कटौती का लाभ आम आदमी तक पहुंचना चाहिए, इसलिए केंद्र सरकार नवरात्रि के पहले दिन 22 सितंबर से लागू होने वाली नई कर व्यवस्था के क्रियान्वयन पर कड़ी नजर रख रही है। दिवाली और छठ (मईया) पूजा से पहले बिहार और पूरे देश को यह डबल धमाका मिल रहा है।
वित्त मंत्री ने मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि हमारा ध्यान आम आदमी, मध्यम वर्ग, उनकी जरूरतों और आकांक्षाओं पर है। जीएसटी में सुधार लाने के लिए पिछले 1.5 साल से काम चल रहा है और इनका वैश्विक व्यापार तनाव से कोई संबंध नहीं है। इसके लिए मंत्रियों का समूह (जीओएम) बनाया गया था और हम काम कर रहे थे। वित्त मंत्री ने जीएसटी में किए गए सुधारों के समय का बचाव करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए टैरिफ से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया।
सीतारमण ने कहा कि अब जीएसटी गुड और सिंपल है। पिछला रेट और नया रेट बहुत अलग नहीं है। जीएसटी लागू करते समय मनमाने रेट लागू नहीं किए गए थे, उस समय राज्यों में जो रेट लागू थे, वही जीएसटी के लागू होने पर रहे। उन्होंने कहा कि विपक्ष को रिसर्च करनी चाहिए। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी को जो लोग गब्बर सिंह टैक्स कहते थे, उनके जमाने में इनकम टैक्स सबसे ज्यादा था। वित्त मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हम निर्माताओं से लेकर राज्य सरकारों तक, सभी से बात कर रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नई जीएसटी दरों का लाभ आम आदमी तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि अगर नागरिकों को जीएसटी सुधार के तहत वादा की गई राहत से वंचित किया गया, तो निर्माता, उद्योग हितधारक और राज्य सरकारें जवाबदेह होंगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर