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मारायुर (तमिलनाडु) , 5 सितंबर (हि.स.)। body{font-family:Arial,sans-serif;font-size:10pt;}.cf0{font-family:Nirmala UI,sans-serif;font-size:11pt;}
नोट- यह खबर हेडलाइन में संशोधन कर दोबारा जारी की गयी है
उदूमलाईपेटाई, 5 सितंबर (हि.स.)। देश के अधिकांश राज्यों में पिछले कुछ दिनों से जारी मूसलाधार बारिश और बाढ़ के कारण जहां टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं, वहीं केरल की सीमा से सटे तमिलनाडु के उदूमलाईपेटाई क्षेत्र के किसान टमाटर की बंपर फसलों का उचित मूल्य नहीं मिलने के कारण उन्हें खेतों और सड़कों के किनारे फेंकने पर मजबूर है।
तमिलनाडु के उदूमलाईपेटाई और उसके आसपास के इलाकों के किसान अपनी टमाटर की उपज सड़कों पर फेंकने को मजबूर हैं, क्योंकि उत्पादन अधिक होने के कारण कीमतें इतनी गिर गई हैं कि उन्हें लागत भी नहीं मिल पा रही है। किसानों के मुताबिक उन्हें स्थानीय बाजार में टमाटर का प्रति किलो के हिसाब से पांच से दस रूपये मूल्य ही मिल रहा है। इतना ही नहीं मांग कम होने की वजह से नर्सरियों में इनकी पौध भी खराब रो रही है।
किसानों का यह भी कहना है कि टमाटर की फसल उगाने के लिए 40 हजार से 60 हजार रुपये तक की लागत आती है। लेकिन इस बार बंपर फसल और अन्य राज्यों से टमाटर की खेप आने के कारण इनकी कीमतों में भारी गिरावट आयी है। उनका लागत मूल्य भी नहीं निकल पा रहा है, जिहाजा वे टमाटरों में खेतों और सड़कों पर फेंकने के लिए मजबूर हैं।
दरअसल, राज्य के उदूमलाईपेटाई, मदाथुकुलम, पलनी, कुमारलिंगम, काेलूमम और पेथापम्पटी की लगभग 30 हजार से एकड़ भूमि पर टमाटर की फसल उगाई जाती है। लेकिन फिलहाल उदूमलाईपेटाई के बाजारों में टमाटरों की 14 किलो की पेटी सिर्फ 100 रूपये से 140 रूपये में बिक रही है, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा रहा है।
हालांकि, राज्य की सीमा से बाहर ले जाने पर इन्हीं टमाटरों की कीमत बढ़कर चालीस (40) रूपए प्रति किलो हो जाती है। यदि बात देश की राजधानी दिल्ली और उत्तर भारत के अन्य राज्यों की करें, तो यहां टमाटरों की कीमतें आसमान छू रही हैं। दिल्ली में इनका मूल्य तो 60 से 70 रुपये प्रति किलो है।
----------हिन्दुस्थान समाचार / नवनी करवाल / उदय कुमार सिंह
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