हिसार : खेजड़ली बलिदान दिवस को पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाए: नरसी राम बिश्नोई
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर में हुए अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण सेमिनार की अध्यक्षता की हिसार, 4 सितंबर (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बि
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई को सम्मानित करते आयोजक।


कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर में

हुए अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण सेमिनार की अध्यक्षता की

हिसार, 4 सितंबर (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय

के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि खेजड़ली बलिदान दिवस को भारत के राष्ट्रीय

पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए। खेजड़ली बलिदान पर्यावरण संरक्षण के लिए

दिया गया विश्व का एक अद्वितीय बलिदान है। लगभग 300 साल पहले हुए इस महाबलिदान को सम्मान

व पहचान देने की वर्तमान पीढ़ी की जिम्मेदारी है।

प्रो. नरसी राम बिश्नोई जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर की गुरु जम्भेश्वर

पर्यावरण संरक्षण शोधपीठ, विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान एवं खेजड़ली शहीदी राष्ट्रीय

पर्यावरण संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में जोधपुर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण

सेमिनार के शुभारंभ अवसर पर अध्यक्ष के तौर पर संबोधन दे रहे थे। उद्घाटन सत्र मुकाम

पीठाधीश्वर स्वामी रामानंद एवं महंत शिवदास शास्त्री के सानिध्य में सम्पन्न हुआ।

प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि उनका संकल्प है कि खेजड़ली महाबलिदान दिवस

को राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस घोषित किए जाने की मांग एक महाअभियान बने। खेजड़ली महाबलिदान

की यह घटना राजस्थान के जोधपुर जिले के पास खेजड़ली गांव में सितम्बर 1730 में हुई थी

माता अमृता देवी बिश्नोई के नेतृत्व में गुरु जम्भेश्वर जी महाराज के 363 अनुयायियों

ने खेजड़ी के वृक्षों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर