बदलते मौसम से ठाणे वासी खराश व खांसी से त्रस्त
मुंबई,4 सितंबर ( हि.स.) । ठाणे शहर में बदलते मौसम का असर साफ़ दिखाई देने लगा है तो लोग कहने लगे हैं कि मौसम बेईमान हुआ है,यह सिर्फ जुमला नहीं है बल्कि इसका कारण यह है कि कभी भीषण गर्मी तो कभी बेमौसम बारिश, जिससे वातावरण में नमी बनी हुई है और नागरिक
Dr kailash pwar sarjan Thane civil hospital


मुंबई,4 सितंबर ( हि.स.) । ठाणे शहर में बदलते मौसम का असर साफ़ दिखाई देने लगा है तो लोग कहने लगे हैं कि मौसम बेईमान हुआ है,यह सिर्फ जुमला नहीं है बल्कि इसका कारण यह है कि कभी भीषण गर्मी तो कभी बेमौसम बारिश, जिससे वातावरण में नमी बनी हुई है और नागरिक वायरल बुखार, गले में खराश, खांसी-ज़ुकाम की शिकायतों से परेशान हैं। सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है, और बच्चे व बुजुर्ग परेशान हो रहे हैं।

डॉ प्रशांत रवींद्र सिनकर का कहना है कि मौसम के बारे में विशेषज्ञों के अनुमान अक्सर गलत सिद्ध हो जाते है।यहां तक कि मौसम विभाग की सूचनाएं भी सटीक नहीं होती हैं।मौसम में लगातार बदलाव और हवा में धूल के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो रही है। नतीजतन, गले में खराश, श्वसन तंत्र में संक्रमण, बुखार और बदन दर्द जैसे लक्षण तेज़ी से फैल रहे हैं। विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि नागरिकों को इन लक्षणों को नज़रअंदाज़ किए बिना तुरंत चिकित्सा सलाह लेनी चाहिए।

चिकित्सा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर नागरिक छोटी-छोटी शिकायतों को नज़रअंदाज़ नहीं करते और सही समय पर इलाज नहीं कराते, तो गंभीर श्वसन रोग या निमोनिया जैसी जटिलताएँ पैदा हो सकती हैं।

इस बीच, बढ़ते प्रदूषण के कारण ठाणेवासी जहाँ परेशान हैं, वहीं प्रशासन द्वारा ठोस निवारक उपायों की माँग ज़ोर पकड़ रही है। नागरिकों ने यह राय व्यक्त की है कि केवल स्वास्थ्य संबंधी सलाह ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि प्रदूषण नियंत्रण और स्वच्छता के लिए सख्त कदम उठाना आवश्यक है।

बदलते मौसम को लेकर ठाणे जिला सिविल अस्पताल के अधीक्षक डॉ कैलाश पवार का जब रुख जानने की कोशिश की तो उन्होंने बताया कि बदलते मौसम में हमे हमे अपने भोजन का ख्याल तो रखना भी चाहिए इसलिए परहेज भी करना है और आहार में स्वच्छ और घर का बना खाना शामिल करना आवश्यक है।, साथ ही गर्म पानी और साबुन का उपयोग करना नागरिकों के लिए एक बड़ा कदम है। इसके साथ ही, मास्क और सैनिटाइज़र का उपयोग करना भी ज़रूरी है। ठाणेकरों के लिए वर्तमान में एकमात्र प्रभावी उपाय यही है कि वे स्वयं अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

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हिन्दुस्थान समाचार / रवीन्द्र शर्मा