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कोलकाता, 04 सितंबर (हि.स.)। बंगालियों के कथित ‘हैरासमेंट’ मुद्दे पर पश्चिम बंगाल विधानसभा का विशेष अधिवेशन गुरुवार को भारी हंगामे का गवाह बना। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बोलते ही भाजपा विधायकों ने शोर-शराबा शुरू कर दिया। लगातार चेतावनी के बावजूद कथित अनुशासनहीनता के चलते भाजपा विधायक शंकर घोष और अग्निमित्रा पॉल को निलंबित कर दिया गया।
मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान भाजपा विधायकों ने स्पीकर विमान बनर्जी की चेतावनी को नजरअंदाज कर नारेबाजी शुरू कर दी। शंकर घोष के नेतृत्व में विपक्षी विधायक जोर-जोर से चिल्लाने लगे। स्थिति बिगड़ने पर स्पीकर ने धारा 348 के तहत शंकर घोष को निलंबित कर दिया और मार्शलों को उन्हें सदन से बाहर निकालने का आदेश दिया। इस दौरान घोष जमीन पर बैठ गए और मार्शलों से धक्का-मुक्की हुई। कई विधायक कागज फाड़कर फेंकने लगे। इससे स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो गई। अंततः मार्शलों ने बलपूर्वक घोष को बाहर निकाला।
इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद सदन में उतरकर तृणमूल विधायकों को शांत कराया। उन्होंने पहले मंत्री अरूप विश्वास को जिम्मेदारी सौंपी और फिर खुद हस्तक्षेप कर पार्टी विधायकों को सीट पर बैठने को कहा। तृणमूल विधायक शांत हुए तो भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने पुनः हंगामा शुरू कर दिया और मंगलवार काे नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी को सस्पेंड किए जाने का मुद्दा उठाकर जाेरदार विरोध जताया।
इसके बाद अध्यक्ष ने अग्निमित्रा को भी सदन से निलंबित कर दिया गया।-----------------------------
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर