मनु और मनुस्‍मृति पर आघात करनेवालों के लिए सबक है कर्नाटक न्‍यायालय का निर्णय
- डॉ. मयंक चतुर्वेदी भारतीय समाज में मनु और उनकी स्मृति को लेकर जो बहसें चली आ रही हैं, वे आज भी हमारे बौद्धिक विमर्श को उद्वेलित कर देती हैं। विडंबना यह है कि इन बहसों का बड़ा हिस्सा तथ्यों पर नहीं, बल्कि पूर्वाग्रहों और राजनीतिक स्वार्थों पर आधार

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