धमतरी: गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप, फर्जी डाक्टर गिरफ्तार
धमतरी, 3 सितंबर (हि.स.)।गलत इंजेक्शन लगाने से मासूम बच्चे की मौत होने के आरोप में पुलिस ने फर्जी डाक्टर व मेडिकल संचालक के खिलाफ जुर्म दर्ज किया। इसके बाद से आरोपित फरार चल रहा था। पीड़ित परिवार लगातार आरोपित डाक्टर की गिरफ्तार की मांग की, तब जाकर अब
मेडिकल संचालक अशोक शर्मा।


धमतरी, 3 सितंबर (हि.स.)।गलत इंजेक्शन लगाने से मासूम बच्चे की मौत होने के आरोप में पुलिस ने फर्जी डाक्टर व मेडिकल संचालक के खिलाफ जुर्म दर्ज किया। इसके बाद से आरोपित फरार चल रहा था। पीड़ित परिवार लगातार आरोपित डाक्टर की गिरफ्तार की मांग की, तब जाकर अब पुलिस ने फर्जी डाक्टर को गिरफ्तार कर लिया है।

कुरूद पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 10 अगस्त को कुरूद विकासखंड के ग्राम डांडेसरा निवासी नीरज साहू 12 वर्ष पुत्र रेवाराम साहू को बुखार, सर्दी और खांसी की शिकायत थी। इसे लेकर पिता रेवाराम साहू इलाज के लिए कुरूद के अशोक मेडिकल स्टोर्स पहुंचे, यहां मेडिकल संचालक अशोक शर्मा ने इलाज के नाम पर नीरज को एक इंजेक्शन लगा दिया। इंजेक्शन लगते ही मासूम के मुंह से झाग निकलने लगा और वह अचेत होकर जमीन पर गिर पड़ा। जिसे देखकर वह घबरा गया। मेडिकल संचालक व फर्जी डाक्टर ने मामला बिगड़ते देख बच्चे को स्वयं लेकर कुरूद सिविल अस्पताल पहुंचा, जहां जांच के बाद डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इससे स्वजनों में आक्रोश था। घटना की शिकायत कुरूद पुलिस में कर मेडिकल संचालक व झोलाछाप डाक्टर के खिलाफ जुर्म दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपित मेडिकल संचालक अशोक शर्मा के खिलाफ जुर्म दर्ज कर लिया। इधर थाना में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद आरोपित मेडिकल को बंद कर फरार हो गया था। इसके बाद फर्जी डाक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए पुलिस को डाक्टरों की टीम से रिपोर्ट का इंतजार था। रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस ने फर्जी डाक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए जुर्म दर्ज कर मंगलवार की रात करीब सवा नौ बजे गिरफ्तार किया। इसके बाद आरोपित फर्जी डाक्टर अशोक शर्मा को कोर्ट में पेश किया गया है।

जांच में मेडिकल संचालक निकला फर्जी डाक्टर

डाक्टरों की टीम ने 31 अगस्त को मुख्य चिकित्सा अधिकारी को अपनी रिपोर्ट सौंपी है। डाक्टरों के रिपोर्ट के अनुसार सीएमएचओ डा यूएल कौशिक के बताए जानकारी के मुताबिक केमिस्ट अशोक शर्मा के पास मरीजों के इलाज के लिए कानूनी मान्यता संबंधी किसी भी प्रकार की दस्तावेज नही पाई गई। अर्थात उन्हें फर्जी पाया गया है। साथ ही बच्चे की मौत गलत दवाई और इंजेक्शन की रियेक्सन से मौत होने की संभावना जताई गई है। इसके आधार पर पुलिस ने एफआईआर में और धारा मप्र आर्युविज्ञान परिषद1987 की धारा 24 एवं 4,12 छग उपचार गृह तथा रोगों उपचार सबंधी स्थापनाएं अनुज्ञापक अधिनियम 2010 को जोड़ा गया है। इसके तहत लंबे समय से फरार केमिस्ट तथा फर्जी डाक्टर को पुलिस ने गिरफ्तार कर कार्रवाई की है।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा