पानी निकासी नहीं हाेने पर हिसार-घग्गर ड्रेन सेमनाला पर ग्रामीणों ने शुरू किया धरना
हिसार घग्गर ड्रेन सेमनाला के अंतिम छोर पर पानी निकासी की ठोस व्यवस्था न होने पर ग्रामीणों ने जताया रोष
हिसार घग्गर ड्रेन सेमनाला पर धरना देते ग्रामीण।


सिरसा, 3 सितंबर (हि.स.)। सिरसा जिले के नाथूसरी चोपटा क्षेत्र के करीब 25 गांवों से होकर गुजरने वाले हिसार-घग्गर ड्रेन सेमनाला के ओवरफ्लो और जगह-जगह रिसाव को लेकर प्रशासन की लापरवाही के खिलाफ ग्रामीणों ने डे्रन पर बुधवार शाम धरना शुरू कर दिया है। धरने में कांगे्रस की जिला प्रधान संतोष बैनीवाल भी शामिल हुई। संतोष बैनीवाल का आरोप है कि हिसार घग्गर ड्रेन में लगातार पानी की मात्रा बढ़ती जा रही है, जिससे आसपास के गांवों के लोगों को टूटने का डर सता रहा है। संबंधित विभाग व जिला प्रशासन द्वारा पानी निकासी को लेकर कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है।

हिसार घग्गर ड्रेन के मुहाने पर जहां घग्गर नदी से जुड़ता है वहां पर दड़बा कलां, गुडिय़ाखेड़ा, रुपाणा, शक्कर मंदोरी, नाथूसरी चोपटा, कागदाना सहित कई गांवों के ग्रामीण सरपंच संतोष बैनीवाल के अगुवाई में धरने पर बैठ गए हैं। धरने पर बैठे मांगे राम बैनीवाल, सुनील कुमार, ओमप्रकाश, पवन, सुंदर, धोलू, राजपाल भांभू, हनुमान, पृथ्वी सिंह, मनीराम सहित कई लोगों ने सिंचाई विभाग व जिला प्रशासन और सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त किया है। संतोष बेनीवाल ने कहा कि हिसार घग्गर ड्रेन सेमनाला ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र के करीब 25 गांवों में से होकर गुजरता है और बारिश के कारण इसका जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है।

केवल ट्रैक्टरों की सहायता से पानी निकासी की जा रही है, लेकिन अंतिम छोर पर पड़ी बिजली की मोटर प्रयोग नहीं की जा रही। पानी निकासी प्रक्रिया काफी धीमी चल रही है और पीछले गांवों में लगातार ड्रेन के टूटने का खतरा मंडरा रहा है। कई जगह रिसाव के चलते सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई है। ग्रामीण अपने स्तर पर बचाव कार्य में भी लगे हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ड्रेन के अंतिम छोर पर पानी निकासी व्यवस्था सही की जाए तो पीछे पानी का दबाव कम हो जाएगा।

गौरतलब है कि हिसार घग्गर ड्रेन के अंतर्गत सिरसा जिले के शक्कर मंदोरी, शाहपुरिया, तरकां वाली, माखोसरानी, नाथूसरी चोपटा, दड़बा कला, रुपाणा खुर्द, निरबाण, गुडिय़ा खेड़ा ढूकड़ा, माधो सिंघाना, मौजूखेड़ा सहित कई गांवों में से सेमनाला गुजरता है। सेमनाला में लगातार पानी का स्तर बढऩे से टूटने और रिसाव होने का खतरा बना हुआ है। मोडियाखेड़ा और गुडियाखेड़ा के बीच रिसाव होने से 20 एकड़ धान की फसल पूरी तरह पानी में डूब गई। इसी प्रकार शक्कर मंदोरी, और शाहपुरिया के आसपास भी लगातार टूटने का खतरा बना हुआ है। सिरसा भादरा रोड पर नाथूसरी चोपटा और दड़बा कलां के बीच टूटने का खतरा मंडरा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर सेमनाला टूट जाता है तो हजारों एकड़ में खड़ी फसल पूरी तरह बर्बाद हो जाएगी और गांवों में भी पानी घुसने का खतरा बना हुआ है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / Dinesh Chand Sharma