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कोलकाता, 03 सितंबर (हि. स.)। पश्चिम बंगाल के शिक्षक नियुक्ति घोटाले में आरोपित पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और अन्य सह-आरोपितों की जमानत याचिका का सीबीआई ने कड़ा विरोध किया है। बुधवार को अलीपुर स्थित विशेष सीबीआई अदालत में सुनवाई के दौरान पार्थ चटर्जी के साथ-साथ समरजीत आचार्य, पर्णा बसु सहित कई आरोपितों ने जमानत की अर्जी दाखिल की। इसी दौरान पार्थ चटर्जी के निजी सचिव सुकांत आचार्य ने भी आत्मसमर्पण किया।
सीबीआई ने अदालत में स्पष्ट किया कि प्रत्येक मामला अलग है और किसी एक मामले को दूसरे से जोड़ा नहीं जा सकता। एजेंसी ने यह भी दलील दी कि इस प्रकार का भ्रष्टाचार समाज पर गहरा असर डालता है और इससे शिक्षा व्यवस्था की विश्वसनीयता प्रभावित हुई है। इन्हीं कारणों से केंद्रीय एजेंसी ने आरोपियों की जमानत का विरोध किया।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022 में एसएससी ग्रुप-सी नियुक्ति घोटाले की जांच शुरू होने के 51 दिन बाद सीबीआई ने पहली चार्जशीट दाखिल की थी। इस चार्जशीट में पार्थ चटर्जी और समरजीत आचार्य के साथ-साथ पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा परिषद के पूर्व सलाहकार शांतिप्रसाद सिन्हा, परिषद के पूर्व अध्यक्ष सौमित्र सरकार, अशोक कुमार साहा, ऐडहॉक समिति के अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली, अवैध रूप से नियुक्त अभ्यर्थी दीपंकर घोष, सुब्रत खां, अक्षय मणि और इदरीस अली मोल्ला समेत कई लोगों के नाम शामिल थे।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर