सिरसा: घग्गर का बढऩे लगा जलस्तर, ग्रामीण चिंतित
पुलिस को तटबंधों की निगरानी रखने के आदेश, थाना प्रभारी संभालेंगे अपना-अपना क्षेत्र
घग्गर के तटबंधों का निरीक्षण करते अधिकारी।


सिरसा, 3 सितंबर (हि.स.)। जिले में घग्गर नदी का जलस्तर पिछले दो दिनों में तेजी से बढ़ा है। बढ़ते जलस्तर के चलते ग्रामीणों को चिंता सताने लगी है। तटबंधों पर ग्रामीण पहरा दे रहे हैं, वहीं प्रशासनिक मशीनरी भी दिनरात जुटी हुई है। बढ़ते जलस्तर को लेकर सिरसा के एसपी ने भी घग्घर नदी के तटबंधों और आसपास के गांवों में पुलिस को भी गश्त के निर्देश दिए हैं। सभी थाना प्रबंधकों को तटबंधों की सुरक्षा और निगरानी के लिए कहा गया है। घग्गर में कल के मुकाबले करीब सात हजार क्यूसिक पानी बढ़ गया है जो ग्रामीणों को डराने लगा है।

घग्गर किनारे के गांव नेजाडेला कलां, मल्लेवाला, तलवाड़ा खुर्द में तो पलायन की नौबत आ गई है। ये गांव तटबंध के बीच बने हैं। पिछले दिनों लगातार हुई बरसात के कारण इन गांवों में बरसात पानी जमा हो गया। गांव मल्लेवाला में ही 50 से ज्यादा घरों में दरारें आ गई। कोई मकान नीचे धंस रहा है तो किसी की छत बैठ रही है। जिला प्रशासन लगातार गांव का निरीक्षण कर रहा है और दरार वाले घरों की जांच की जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि पहले पंचायत और प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली। गांव में बारिश का पानी जमा होता गया। जब पानी का लेवल बढ़़ गया और मकानों में दरारें तक आ गई, तब प्रशासन ने गांव से पानी की निकासी शुरू करवाई। अधिकतर मकान नए ही बनाए गए हैं। जिले में घग्गर के किनारे 49 गांव हैं। इनमें से करीब 20 गांवों को खतरा बना है।

उधर, प्रशासन का कहना है कि घग्गर नदी के जलस्तर और तटबंधों की सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क और सक्रिय है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों के अलावा बीडीपीओ, तहसीलदार व एसडीएम लगातार दौरा कर घग्गर के तटबंधों, खरीफ चैनलों व ड्रेनों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इसके अलावा उपायुक्त शांतनु शर्मा भी लगातार बारीकी से नजर रख रहे हैं।

उपायुक्त शांतनु शर्मा ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा नदी के जलस्तर पर कड़ी निगरानी और तटबंधों को मजबूत करने के लिए व्यापक प्रबंध किए हैं। सिंचाई विभाग की टीमें दिन-रात निगरानी कर रही हैं, जबकि प्रशासनिक अधिकारी नियमित निरीक्षण कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं। ग्रामीण भी इस कार्य में प्रशासन का पूरा सहयोग कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, खरीफ चैनल और ड्रेनेज सिस्टम पर भी सतत नजर रखी जा रही है।

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हिन्दुस्थान समाचार / Dinesh Chand Sharma