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मीरजापुर, 3 सितंबर (हि.स.)। पिछले चौबीस घंटे से बारिश न होने के कारण लोगों को बड़ी राहत मिली है। अहरौरा और जरगो जलाशय से प्रभावित ग्रामीणों के लिए यह राहत और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि बुधवार सुबह 9 बजे जरगो जलाशय के सभी गेट पूरी तरह बंद कर दिए गए। वहीं अहरौरा बांध का मात्र एक गेट ढाई फीट खोलकर करीब 700 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जो गड़ई नदी के जरिए बह रहा है।
अहरौरा बांध के जेई ओमप्रकाश राय ने बताया कि पानी की आवक कम हो गई है, जिसके चलते पांच गेट पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं। बांध का जलस्तर बुधवार दोपहर 12 बजे तक 358.3 दर्ज किया गया। दूसरी ओर जरगो जलाशय के जेई अजीत पटेल ने बताया कि पिछले 24 घंटे से बारिश न होने और जलस्तर स्थिर रहने के कारण बुधवार सुबह सभी गेट बंद कर दिए गए। वहां जलस्तर 319.03 मीटर पर रिकॉर्ड किया गया।
12वें दिन भी बंद रहा अहरौरा-चकिया मार्ग
उधर, अहरौरा से चकिया को सीधे जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग 12वें दिन भी बंद रहा। मदारपुर गांव के पास गड़ई नदी पुल पर पानी का दबाव बना हुआ है। मंगलवार को छोड़े गए पानी का असर अब भी दिख रहा है और पुल पर करीब दो फीट पानी बह रहा है। इसके चलते शिकारगंज क्षेत्र के लोगों को अहरौरा आने के लिए, तथा अहरौरा क्षेत्र के लोगों को चकिया जाने के लिए आठ से दस किलोमीटर लंबा और खराब रास्ता पकड़ना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि गड़ई नदी पर पुल की यह स्थिति उनकी ‘लाइफ लाइन’ सड़क को पंगु बना रही है। रोजमर्रा के कामकाज से लेकर आपातकालीन स्थितियों में भी लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा