उत्तराखंड में बारिश बनी आफत, केदारधाम के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग में पार्किंग बही, खतरे में आवासीय क्षेत्र
देहरादून, 3 सितंबर (हि.स.)। उत्तराखंड में बारिश का प्रकाेप कम नहीं हाे रहा है बल्कि लगातार बारिश से आफत बढ़ती जा रही है। राज्य की सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं और स्थानीय प्रशासन अलर्ट मोड पर हैं। तेज बहाव से केदारधाम के बेस कैंप सोनप्रयाग में पार्कि
उत्तराखंड में बारिश बनी आफत, केदारधाम के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग में पार्किंग बही, खतरे में आवासीय क्षेत्र


देहरादून, 3 सितंबर (हि.स.)। उत्तराखंड में बारिश का प्रकाेप कम नहीं हाे रहा है बल्कि लगातार बारिश से आफत बढ़ती जा रही है। राज्य की सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं और स्थानीय प्रशासन अलर्ट मोड पर हैं। तेज बहाव से केदारधाम के बेस कैंप सोनप्रयाग में पार्किंग स्थल का एक बड़ा हिस्सा धंसने से दाे वाहन गए।

सोमवार देर रात केदारनाथ धाम के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग में सोन नदी के लगातार कटाव ने खतरा बढ़ा दिया है। देर शाम कटाव के चलते सोनप्रयाग शटल पार्किंग का लगभग 15 से 20 मीटर हिस्सा धंस गया और इस दौरान पार्किंग में खड़ी दो बोलेरो वाहन इसकी चपेट में आकर बह गए। गनीमत रही कि समय रहते वाहन चालकों को सूचना देकर सतर्क कर दिया गया।

रुद्रप्रयाग जिले के आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर ने बताया कि सोन नदी का कटाव तेजी से हाे रहा है। देर शाम जेसीबी (डोजर) मशीन की मदद से धंसाव में फंसे वाहनों को बाहर निकाल लिया गया। स्थानीय लोग नदी के तेज बहाव और लगातार हो रहे कटाव को लेकर चिंतित हैं। प्रशासन ने स्थिति पर करीबी नजर बनाए रखने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए टीमें अलर्ट पर हैं। कटाव आवासीय क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है।

उत्त्तरकाशी जिले में तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश से गंगोत्री और यमुनोत्री नेशनल हाइवे कई जगह बंद है। गंगोत्री नेशनल हाईवे नगुण, धरासू, नेताला, डाबरानी आदि जगहों पर बंद हैं और यमुनोत्री हाईवे कल्याणी, सिलाईबैंड और जंगल चट्टी के पास बंद है।

मौसम विज्ञान केंद्र ने आज देहरादून, रुद्रप्रयाय व उत्तरकाशी जिले में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा व आकाशीय चमकने के साथ ही तीव्र बारिश की संभावना जताई है। राज्य के हरिद्वार, पौड़ी, टिहरी, चमोली, नैनीताल, चम्पावत, उधमसिंहनगर, बागेश्वर, पिथौरागढ़ में भी भारी वर्षा की संभावना है। राज्य आपदा प्राधिकरण ने सभी जिला प्रशासन को सतर्क रहने काे कहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / विनोद पोखरियाल