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काठमांडू, 03 सितंबर (हि.स.)। चीन सरकार के प्रस्तावित ग्लोबल सिक्योरिटी इनिशिएटिव (जीएसआई) को लेकर नेपाल में हंगामा मचा हुआ है। संसद में बुधवार को विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री को सदन में आकर इस पर जवाब देने की मांग की है। प्रमुख विपक्षी दल माओवादी की तरफ से पार्टी के उपमहासचिव जनार्दन शर्मा ने चीन के इस दावे के संबंध में सरकार से औपचारिक बयान देने की मांग की है, जिसमें प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने जीएसआई का समर्थन करने का दावा किया है।
दरअसल, चीन भ्रमण के दौरान प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई मुलाकात के बाद चीन सरकार की तरफ से जारी बयान में जीएसआई पर नेपाल का समर्थन मिलने की बात कही गई थी। इसके बाद बुधवार को प्रतिनिधि सभा के एक विशेष सत्र के दौरान एकीकृत समाजवादी पार्टी के सांसद प्रकाश ज्वाला ने चीनी विदेश मंत्रालय के बयान पर आपत्ति जताते हुए सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। ज्वाला ने कहा कि जीएसआई पर प्रधानमंत्री ओली का समर्थन नेपाल की गुटनिरपेक्ष विदेश नीति के खिलाफ है।
इसी तरह राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के सांसद ज्ञानेन्द्र शाही ने कहा कि नेपाल के संविधान के अनुसार नेपाल एक गुटनिरपेक्ष विदेश नीति के लिए प्रतिबद्ध है। नेपाल किसी भी सैन्य रणनीति का पक्ष नहीं ले सकता है। ऐसे में जीएसआई का समर्थन करना आत्मघाती और आपत्तिजनक होगा। शाही ने कहा कि प्रधानमंत्री को संसद में आकर इस मामले पर तुरंत आधिकारिक बयान देना चाहिए। राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के प्रमुख सचेतक संतोष परियार ने कहा कि चीनी विदेश मंत्रालय के बयान पर नेपाल सरकार ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास