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सुकमा, 3 सितंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारी नियमितीकरण, ग्रेड पे सहित अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अलग-अलग गतिविधियों के माध्यम से सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। परंतु सरकार से अभी भी वार्ता सफल नही हो पाई है।
बुधवार को सुकमा जिला मुख्यालय में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हड़ताली कर्मचारियों ने धरना स्थल पर आदिवासी परिधान में लोक नृत्य कर अपनी मांगो के प्रति ध्यान आकर्षित किया। उधर, कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन आंदोलन में चले जाने से उप स्वास्थ्य केंद्र, आयुष्मान आरोग्य मंदिर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएँ पूरी तरह चरमरा गई हैं, जिससे आम जनता को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएँ समय पर नहीं मिल पा रही हैं।
कर्मचारियों का कहना है कि सुकमा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में सेवा देने वाले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन स्वास्थ्य कर्मचारी आज अपने अधिकरों के लिये हड़ताल में बैठे हैं। 20 महीनों में 160 आवेदन देने के बाद भी मोदी की गारंटी पूरी नही हो पाई है। सेवाएँ ठप होने के लिए वे नहीं, बल्कि शासन का अड़ियल रवैया जिम्मेदार है। जिन्होने अपने वादे को पूरा नही किया। जबकि मध्यप्रदेश में कर्मचारियों को सुविधाएं दिया जा रहा है, और नियमितिकरण करने में राज्य शासन सक्षम है। कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष डॉ वेद प्रकाश साहू उपाध्यक्ष रीना नायडू एवं प्रवक्ता मुकेश बख्शी सहित सभी कर्मचारियों ने स्पष्ट किया कि नियमितीकरण, ग्रेड पे और लंबित 27% वेतन वृद्धि सहित सभी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
एनएचएम संविदा कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि शासन जल्द ही उनकी मांगों पर लिखित निर्णय नहीं लेता, तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। धरना प्रदर्शन में नवीन पाठक, डॉ. प्रदीप पटेल, जय नारायण सिंह, डॉ रंजना पटेल, बसंती, हिमानी सरकार, डॉ विजय, राजेन्द्र पांडेय, जितेंद्र नामदेव हिमांशु जायसवाल, रूद्रमणि वैष्णव, सरफराज नवाज, मंजीता लकड़ा, मनीषा नेताम, भारती नेताम, हर्षा नागवंशी सहित बड़ी संख्या में कोंटा, छिंदगढ़ व सुकमा के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार / मोहन ठाकुर