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पर्यटन मंत्रालय ने 'मेरी काशी एम्बेसडर कार्यक्रम' शुरू किया
वाराणसी, 3 सितंबर (हि.स.)। पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश पर्यटन और वाराणसी ज़िला प्रशासन के सहयोग से बुधवार को कचहरी स्थित कार्यालय परिसर के ऑडिटोरियम में 'मेरी काशी क्रिएटर्स पाठशाला' का आयोजन किया। इस क्रिएटर्स पाठशाला का उद्देश्य लगभग 275 स्थानीय प्रभावशाली लोगों और युवाओं को काशी और सारनाथ की 170 कहानियों से अवगत कराना और इन कहानियों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए सोशल मीडिया टूल्स का उपयोग करना था। पाठशाला के माध्यम से, सभी प्रतिभागियों को मास्टर-स्टोरीटेलर विशेषज्ञों की ओर से कहानी कहने की तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया और यूट्यूब के जरिए सोशल मीडिया के माध्यम से सामग्री निर्माण और मुद्रीकरण पर प्रशिक्षण दिया गया।
पर्यटन मंत्रालय और वाराणसी जिला प्रशासन के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला कि स्थानीय लोग अपनी काशी के राजदूत और कहानीकार बनें। इस दृष्टिकोण के आधार पर,पर्यटन मंत्रालय और वाराणसी जिला प्रशासन ने 'मेरी काशी राजदूत कार्यक्रम' की संकल्पना की और उसे शुरू किया। इसकी शुरुआत मेरी काशी क्रिएटर्स पाठशाला के माध्यम से हुई। जहां वाराणसी गुरु की कहानी कहने की कला और कहानी कहने की तकनीकों पर एक विस्तृत प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई, जैसे कहानियों को दर्शकों के लिए व्यक्तिगत बनाना, अनूठे तथ्यों का उपयोग करना, मन का रंगमंच, भावनात्मक ग्राफ, जुनून के साथ वर्णन करना और भी बहुत कुछ। यूट्यूब के प्रतिनिधियों ने दर्शकों को रील बनाने, पहुंच और जुड़ाव बढ़ाने, और मुद्रीकरण के अवसर बनाने के सर्वोत्तम तरीकों पर सोशल मीडिया हैंडल का उपयोग करने का प्रशिक्षण दिया।
कमिश्नर एस. राजलिंगम ने बताया कि प्रशिक्षण के बाद, प्रभावशाली लोगों और युवाओं के लिए काशी की विभिन्न कहानियों के बारे में जानने के लिए 'मेरी काशी' पाठ्यक्रम मॉड्यूल शुरू किया जाएगा, साथ ही उन्हें बेहद आकर्षक रील बनाने और उन्हें सोशल मीडिया पर मेरी काशी पर अपलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। मॉड्यूल पूरा होने और काशी की कहानियों पर रील अपलोड करने के बाद, एक विशेषज्ञ टीम सर्वश्रेष्ठ वीडियो और रील वाले व्यक्तियों का मूल्यांकन और पहचान करेगी और उन्हें 'मेरी काशी एम्बेसडर' की उपाधि प्रदान करेगी। 'मेरी काशी एम्बेसडर कार्यक्रम' के माध्यम से, चुनिंदा स्थानीय युवाओं को 'मेरी काशी एम्बेसडर' बनाने का लक्ष्य है, जो आगे चलकर काशी पर आकर्षक और समृद्ध सामग्री तैयार करेंगे और इसके लिए राष्ट्रीय और वैश्विक मंचों पर भी सहायता प्रदान की जाएगी। इन व्यक्तियों को काशी की आधिकारिक वेबसाइट पर भी सूचीबद्ध किया जाएगा ताकि विदेशी और घरेलू पर्यटक काशी और सारनाथ की प्रामाणिक कहानियों को जानने के लिए उनसे जुड़ सकें।
जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार ने कार्यक्रम के सार्थकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह कार्यक्रम यहां के लिए बहुत ही जरूरी रहा। निश्चित रूप से यह कार्यक्रम काशी के लिए प्रासंगिक हैं। दर्शकों को 'मेरी काशी एम्बेसडर प्रोग्राम' के माध्यम से टूरिस्ट गाइड बनने के अपार अवसरों के बारे में भी जागरूक किया गया। 'मेरी काशी' कोर्स मॉड्यूल पूरा करने और मूल्यांकन समिति द्वारा प्रमाणित होने के बाद, युवा आधिकारिक टूरिस्ट गाइड भी बन सकते हैं, जिससे उन्हें पढ़ाई या काम करते हुए अन्य आजीविका के अवसर भी मिल सकें। वैसे 'मेरी काशी क्रिएटर्स पाठशाला' युवाओं को अपनी काशी के बारे में जागरूक करने में बेहद सफल रही और 'मेरी काशी एम्बेसडर प्रोग्राम' के माध्यम से दुनिया को काशी की कहानियों से अवगत कराने के लिए सामग्री को एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल करने हेतु सोशल मीडिया टूल्स के साथ-साथ कहानी कहने की तकनीक का प्रशिक्षण भी दिया। 'मेरी काशी एम्बेसडर प्रोग्राम' के लिए सभी क्रिएटर्स और प्रभावशाली लोगों के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया, जिसमें सीएस स्कैन येल पिस्ट्रीज़ प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी थी।
कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, एमएलसी धर्मेन्द्र सिंह, सहित अन्य लोग प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी