भारत-जर्मनी ने बढ़ाया सहयोग, शिक्षा और रणनीतिक साझेदारी पर बनी सहमति
नई दिल्ली, 03 सितंबर (हि.स.)। भारत यात्रा पर आए जर्मन विदेश मंत्री जोहान वाडेफुल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और आज विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर (ईएएम) के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। विदेश मंत्रालय के अनुसार, जयशंकर और वाडेफु
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मन विदेश मंत्री


नई दिल्ली, 03 सितंबर (हि.स.)। भारत यात्रा पर आए जर्मन विदेश मंत्री जोहान वाडेफुल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और आज विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर (ईएएम) के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, जयशंकर और वाडेफुल ने दोनों देशों के बहुआयामी रणनीतिक साझेदारी के संपूर्ण पहलुओं की समीक्षा की और व्यापार एवं निवेश, रक्षा एवं सुरक्षा, प्रौद्योगिकी, विज्ञान एवं नवाचार, हरित एवं सतत विकास साझेदारी, शिक्षा और लोगों से लोगों के बीच संबंधों सहित विविध क्षेत्रों में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।

दोनों पक्षों ने छात्र आदान-प्रदान और शैक्षिक संबंधों को और बढ़ावा देने के लिए अपने देशों के बीच अल्पकालिक स्कूल और कॉलेज यात्राओं के लिए निःशुल्क वीज़ा पर सहमति व्यक्त की।

दोनों पक्षों ने रूस-यूक्रेन संघर्ष में हालिया घटनाक्रम, मध्य-पूर्व की स्थिति, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के साथ-साथ आपसी हित के अन्य क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की। दोनों पक्ष हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर एक नए द्विपक्षीय परामर्श तंत्र की स्थापना की दिशा में भी काम कर रहे हैं।

विदेश मंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के प्रति जर्मन सरकार की एकजुटता और मजबूत समर्थन के लिए भारत सरकार की सराहना व्यक्त की।

उल्लेखनीय है कि जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान वाडेफुल 01-03 सितंबर तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर रहे। जर्मन विदेश मंत्री के रूप में यह उनकी पहली आधिकारिक भारत यात्रा रही।

उन्होंने नई दिल्ली में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से भी मुलाकात की। इस यात्रा के दौरान मंत्री वाडेफुल के साथ एक उच्च-स्तरीय व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल भी था। मंत्रालय के अनुसार यह भारत और जर्मनी के बीच तेजी से बढ़ती आर्थिक साझेदारी को दर्शाता है।

यात्रा बेंगलुरु से शुरू हुई, जहां विदेश मंत्री वाडेफुल और उनके प्रतिनिधिमंडल ने भारत में महत्वपूर्ण उपस्थिति वाली जर्मन कंपनियों के साथ बातचीत की और मंगलवार को प्रमुख नवाचार और प्रौद्योगिकी केंद्रों का दौरा किया।

इस मुलाकात में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) जैसे प्रमुख भारतीय संस्थानों के साथ बैठकें शामिल थीं। बेंगलुरु की इस यात्रा में हरित प्रौद्योगिकी, डिजिटल परिवर्तन, एआई, अंतरिक्ष सहयोग और सतत शहरी विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के अवसरों पर प्रकाश डाला गया।

यह यात्रा ऐसे समय हुई जब भारत और जर्मनी आपसी विश्वास, साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, वैश्विक स्थिरता और सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता पर आधारित रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा