सुकमा: बाढ़ का पानी अचानक घर में घुसा जरूर के सामान भी नहीं निकाल पाए, प्रशासन से मदद की उम्मीद
सुकमा, 3 सितंबर (हि.स.)।छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के ग्राम पंचायत तालनार के खासपारा निवासी नीलांबर कश्यप के घर में बीते दिनों अचानक शबरी नदी का बाढ़ का पानी घुस गया। कच्चे मकान में पानी घुसने से मकान को काफी ज्यादा क्षतिग्रस्त है। करीब एक सप्ताह राहत शि
सुकमा: बाढ़ का पानी अचानक घर में घुसा जरूर के सामान भी नहीं निकाल पाए प्रशासन से मदद उम्मीद


सुकमा: बाढ़ का पानी अचानक घर में घुसा जरूर के सामान भी नहीं निकाल पाए प्रशासन से मदद उम्मीद


सुकमा: बाढ़ का पानी अचानक घर में घुसा जरूर के सामान भी नहीं निकाल पाए प्रशासन से मदद उम्मीद


सुकमा, 3 सितंबर (हि.स.)।छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के ग्राम पंचायत तालनार के खासपारा निवासी नीलांबर कश्यप के घर में बीते दिनों अचानक शबरी नदी का बाढ़ का पानी घुस गया। कच्चे मकान में पानी घुसने से मकान को काफी ज्यादा क्षतिग्रस्त है। करीब एक सप्ताह राहत शिविर में रहने के बाद परिवार के साथ घर वापस लौट हैं, लेकिन घर का फर्श काफी ज्यादा गीला है, जहां पर छोटे-छोटे बच्चों के साथ 09 सदस्य रहते है। उन्होंने शासन- प्रशासन से डूबना क्षेत्र से दूर स्थाई रूप मकान बनाने के लिए भूमि आवंटन की मांग की। ताकि उनकी ये समस्या हमेशा के लिए दूर हो सके।

सुकमा जिले के छिंदगढ़ ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत तालनार बाहर के कारण एक परिवार की जिंदगी पूरी तरह से बादल दी है, अपने परिवार के पालन पोषण करने की जगह अब उसे घर की चिंता सताने लगी है, क्योंकि उनका घर बाढ़ की चपेट में आने के कारण क्षतिग्रस्त हो चुका है। शासन प्रशासन से मदद का इंतजार है। नीलांबर कश्यप ने बताया कि वे की खेती किसानी कर अपने परिवार का गुजारा करते हैं, अभी उसे दिन घर पर नहीं थे, अचानक बाढ़ का पानी उनके घर में घुस गया। देखते ही देखते घर के अंदर पानी आ गया और भी सामान भी उनके परिवार पूरा नहीं निकल पाए। जिसकी वजह से उनकी खेती किसानी के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी खराब हो गए हैं। कच्चा मकान होने के कारण घर भी क्षतिग्रस्त हो गया है, दीवारों में जगह- जगह से दरारआ गई है। उन्होंने कहा कि हर साल बारिश के दौरान उनके घर में इसी तरह से बाढ़ के चपेट में आता है, इसकी वजह से वह काफी परेशान है। उन्होंने शासन प्रशासन एवं ग्राम पंचायत से मांग करते हुए कहा कि उन्हें दूसरे जगह मकान बनाने के लिए भूमि आवंटित की जाए ताकि वह अपना मकान दूसरे जगह निर्माण सके। क्योंकि जिस जगह पर वर्तमान में मकान है। हर साल बाढ़ की चपेट में आता है, जिसकी वजह से उनके परिवार शारीरिक और मानसिक रूप से हर साल परेशान हो रहे हैं।

नीलांबर कश्यप ने बताया कि दूसरे जगह मकान बनाने के लिए भूमि आवंटित करने के लिए ग्राम पंचायत एवं पटवारी से संपर्क किया है। ताकि उन्हें भूमि आवंटित हो सके क्योंकि इस जगह पर पक्का मकान बनाने के बाद भी हर साल बाढ़ में डूब जाएगा। इसलिए दूसरे जगह भूमि आवंटन होने से पीएम आवास या फिर स्वयं के द्वारा आवास बनाने की बात कही, क्योंकि हर साल घर बाढ़ में घर डूब जाता है जिसकी वजह से वे काफी परेशान है।

हल्का पटवारी कोसा मरकाम ने बताया कि ग्राम पंचायत तालनार में तीन घरों में बाढ़ की चपेट में आने से नुकसान हुआ है, सर्वे किया जा रहा है। नीलकंठ कश्यप के मकान में बाढ़ की पानी की वजह से काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि खेती के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का मुआवजा नहीं मिलेगा एवं मकान क्षतिपूर्ति का सर्वे किया गया है। मुआवजा का प्रकरण तैयार कर विभागीय अधिकारी को दी गई है जल्दी मुआवजा प्रदान की जाएगी।

फसल चौपट :

नीलकंठ कश्यप ने बताया कि वह दो एकड़ में धान का खेती किए हुए थे बाढ़ के कारण उनके खेत को भी काफी नुकसान हुआ है। आज शासन द्वारा मौज मिलता है वह नहीं के बराबर मिलता है जिसके कारण से नुकसान की भरपाई नहीं हो पाती है। मनबोध कश्यप नहीं बताया कि बच्चे 2 एकड़ में धान की खेती किए थे उनके खेत में भी काफी ज्यादा नुकसान हुआ है और उनके घर में भी बाढ़ का पानी घुसने से इसकी वजह से क्षति

हुई है।

हिन्दुस्थान समाचार / मोहन ठाकुर