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- छात्रों से नवाचार और चरित्र निर्माण की अपील
गुवाहाटी, 03 सितंबर (हि.स.)। असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने आज पानीखाइती स्थित असम डाउन टाउन यूनिवर्सिटी के 12वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया। उन्होंने स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उन्हें मेहनत, अनुशासन और नवाचार के मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत दिवस केवल विद्यार्थियों के लिए ही नहीं, बल्कि शिक्षकों और संस्थानों के लिए भी एक पवित्र अवसर है। उन्होंने विद्यार्थियों की सफलता में अभिभावकों, शिक्षकों और शोध-मार्गदर्शकों की भूमिका की सराहना की। साथ ही विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया कि इसने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 278 समझौता ज्ञापन (एमओयू) किए हैं, जो इसके गतिशील और उत्कृष्ट प्रयासों का प्रमाण है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उच्च शिक्षा संस्थानों के तेज़ी से विकास पर भी प्रकाश डाला और कहा कि भारतीय विश्वविद्यालय अब वैश्विक स्तर पर अपनी जगह बना रहे हैं और भारतीय स्नातक अकादमिक, शोध और उद्योग जगत में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं।
राज्यपाल आचार्य ने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे समाज की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए नवाचार और वैज्ञानिक खोज में आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि कम से कम 20 प्रतिशत शिक्षा कक्षा के बाहर प्रोजेक्ट आधारित होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने युवाशक्ति, कौशल विकास, प्रौद्योगिकी और सेवा भावना को राष्ट्र निर्माण की कुंजी बताया।
उन्होंने विश्वास जताया कि आधुनिक ज्ञान और पारंपरिक मूल्यों के संतुलन से छात्रों का चरित्र निर्माण होगा और वे आने वाली चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना कर पाएंगे।
समारोह में डॉ. रणदीप गुलेरिया को डीएससी की उपाधि और डॉ. श्रीश्री पिताम्बर देव गोस्वामी को डीलिट की उपाधि प्रदान की गई। इस अवसर पर कुल 1858 विद्यार्थियों को उपाधि दी गई, जिसमें 1417 स्नातक, 419 स्नातकोत्तर और 22 पीएचडी छात्र शामिल थे।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश