धमतरी से देशभर में गूंजेगी ग्रीन आतिशबाजी: 100 से अधिक महिलाओं को मिला रोजगार
धमतरी, 3 सितंबर (हि.स.)।स्वच्छ आतिशबाज़ी का नया केंद्र बनकर छत्तीसगढ़ का धमतरी पूरे प्रदेश और देश को प्रेरणा देने जा रहा है। यह पहल न केवल रोजगार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सुरक्षित त्योहारों की दिशा में भी ऐतिहासिक कदम सा
ग्राम चटोद में पटाखें तैयार करती हुई महिलाएं।


धमतरी, 3 सितंबर (हि.स.)।स्वच्छ आतिशबाज़ी का नया केंद्र बनकर छत्तीसगढ़ का धमतरी पूरे प्रदेश और देश को प्रेरणा देने जा रहा है। यह पहल न केवल रोजगार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सुरक्षित त्योहारों की दिशा में भी ऐतिहासिक कदम साबित होगी।

धमतरी जिले के ग्राम चटोद में महिलाएं अब पारंपरिक पटाखों की जगह पर्यावरण अनुकूल ग्रीन पटाखों के निर्माण में जुटी हैं। यह पहल न केवल स्वच्छ और सुरक्षित दिवाली की राह दिखा रही है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता और रोज़गार का नया द्वार भी खोल रही है।

कलेक्टर धमतरी ने गणेशा फायरवर्क्स यूनिट का निरीक्षण किया। उन्होंने महिलाओं से संवाद कर उत्पादन प्रक्रिया और गुणवत्ता की जानकारी ली तथा मौके पर ग्रीन पटाखा चलाकर उसकी सुरक्षा और प्रभाव का अनुभव भी किया। इस यूनिट को पांच एकड़ भूमि लीज पर उपलब्ध कराई गई है। निरीक्षण के दौरान उन्होंने प्रबंधन को कड़े निर्देश दिए कि परिसर में अग्नि शमन की ठोस व्यवस्था, समय-समय पर माक ड्रिल और ज्वलनशील पदार्थों पर पूर्ण प्रतिबंध सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि चटोद में स्थापित यह यूनिट ‘लोकल से वोकल’ और महिला सशक्तिकरण की सशक्त मिसाल है। इससे ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिल रहा है, वहीं समाज को स्वच्छ और सुरक्षित विकल्प प्राप्त हो रहा है।

यूनिट के सेल्स हेड आशीष सिंह ने बताया कि ग्रीन पटाखों में बारूद का प्रयोग नहीं होता, जिससे यह पूरी तरह सुरक्षित रहते हैं और प्रदूषण भी नहीं फैलाते। वर्तमान में यहाँ लगभग 100 से अधिक महिलाएं कार्यरत हैं, जिन्हें स्थायी रोजगार प्राप्त हुआ है। आने वाले समय में विवाह समारोहों और अन्य आयोजनों के लिए भी ग्रीन पटाखों की विभिन्न किस्में उपलब्ध कराई जाएंगी।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा