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विदिशा, 3 सितंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के विदिशा में बुधवार को डोल ग्यारस पर विभिन्न मंदिरों से विमान में सवार होकर जल विहार करने भागवान बेतवा के तट पर पहुंचे। इसके पहले जगह-जगह श्रद्धालुओं ने विमान में विराजित भगवान की पूजा-अर्चना कर धार्मिक लाभ लिया।
बुधवार को डोल ग्यारस के अवसर पर विभिन्न समाज के मंदिरों से विमान में विराजित होकर भगवान जल विहार करने के लिए निकले। इस दौरान अनेक स्थानों पर विमान में सवार भगवान की विधिवत पूजा-अर्चना कर की गई। बेतवा नदी के बढ़वाले घाट पर जल विहान करने के बाद विमान वापस मंदिरों की और लौटे। शहर के मुख्य मार्ग से लेकर बेतवा नदी के तट तक दोपहर से लेकर रात तक गणपति बप्पा मोरया की ध्वनि गूंज रही थी।
बच्चे हुए भावुक झलके आंसू...
घरों व गली-मोहल्ला झांकी में स्थापित की गई गणपति बप्पा की प्रतिमा को विसर्जित करने का सिलसिला सुबह से शुरू हुआ जो रात तक चलता रहा। बैंडबाजा,ढोल डीजे की धुन पर थिरकते हुए श्रद्धालु जानकी कुंड व बेतवा नदी के विभिन्न तटों पर बप्पा की विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर प्रतिमाएं विसर्जित की गई। शहर में जहां देखों वहां गणपति बप्पा मोरया की गूंज सुनाई दे रही थी। ढोल ग्यारस पर अधिकतर घरों में स्थापित की गई श्री गणेश प्रतिमाओं को विसर्जित करने के लिए महिलाएं व बच्चे बेतवा नदी के बढवाले घाट,रंगई सहित अन्य टतों पर पहुंचे। बढ़वाले घाट पर गणपति बप्पा के प्रति बच्चों की अटूट श्रद्धाभाव की तस्वीर नजर आई। जहां छोटी-छोटी श्री गणेश र्प्रतिमा की पूजा-अर्चना कर विसर्जित करने के दौरान बच्चे भावुक हो गए और उनकी आंखों से स्वत: आंसू झलकते देखे गए।
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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश मीना