प्रमाणित बीज उत्पादन : किसानों के लिए लाभकारी व्यवसाय
धमतरी, 3 सितंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ शासन के उपक्रम छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम द्वारा खरीफ मौसम में संचालित प्रमाणित बीज उत्पादन कार्यक्रम किसानों के लिए लाभकारी अवसर बन गया है। इस कार्यक्रम से जुड़कर किसान सामान्य खेती की तुलना में प्रति
प्रमाणित बीज प्रतीकात्मक फाइल फोटो।


धमतरी, 3 सितंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ शासन के उपक्रम छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम द्वारा खरीफ मौसम में संचालित प्रमाणित बीज उत्पादन कार्यक्रम किसानों के लिए लाभकारी अवसर बन गया है। इस कार्यक्रम से जुड़कर किसान सामान्य खेती की तुलना में प्रति एकड़ अधिक आमदनी अर्जित कर सकते हैं। बढ़ती रुचि को देखते हुए पंजीयन की अंतिम तिथि 31 अगस्त से बढ़ाकर अब 15 सितंबर कर दी गई है। इच्छुक किसान इस अवधि में अपने जिले के बीज प्रसंस्करण केंद्र से संपर्क कर पंजीयन करा सकते हैं।

प्रमाणित बीज का उपयोग पारंपरिक बीजों की तुलना में 10 से 15 प्रतिशत तक अतिरिक्त उत्पादन देता है। इसी कारण कृषि विभाग किसानों को प्रमाणित बीज उपयोग हेतु प्रोत्साहित कर रहा है। बीज निगम किसानों की मांग के अनुसार विभिन्न किस्मों का बीज उपलब्ध कराता है।

पंजीयन प्रक्रिया

जिन किसानों के पास 2.5 एकड़ या उससे अधिक भूमि है, वे मामूली शुल्क देकर छत्तीसगढ़ राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था में पंजीयन करा सकते हैं। इसके लिए बीज प्रसंस्करण केंद्र से संपर्क करना आवश्यक है। बीज उत्पादन की तकनीकी जानकारी बीज प्रमाणीकरण अधिकारी द्वारा दी जाती है। फसल कटाई के बाद किसान अपना उत्पादन बीज प्रसंस्करण केंद्र में जमा करते हैं। यहां उन्हें एक सप्ताह में कुल मूल्य का लगभग 60 प्रतिशत अग्रिम भुगतान मिल जाता है, जबकि शेष 40 प्रतिशत राशि बीज परीक्षण की प्रक्रिया पूर्ण होने पर लगभग दो माह में प्रदान की जाती है।

किसानों को होने वाला लाभ

पिछले खरीफ वर्ष में बीज उत्पादन कार्यक्रम से जुड़े किसानों को आकर्षक दरें मिली थीं। मोटा धान 3,843 रुपये, पतला धान 4,011 रुपये और सुगंधित धान 4,444 रुपये प्रति क्विंटल तक खरीदा गया था। जबकि शासन की सामान्य धान खरीदी दर 3,100 रुपये प्रति क्विंटल थी। इस तरह किसानों को मोटे धान पर लगभग 743 रुपये प्रति क्विंटल का अतिरिक्त लाभ मिला। अनुमानतः यह लाभ प्रति एकड़ 15,600 रुपये और प्रति हेक्टेयर लगभग 40,000 रुपये तक पहुंचा।

यद्यपि अंतिम 40 प्रतिशत भुगतान में 2 से 2.5 माह का समय लगता है, फिर भी यह कार्यक्रम किसानों के लिए सबसे लाभकारी विकल्पों में से एक माना जा रहा है। किसानों की बढ़ती भागीदारी को देखते हुए यह योजना लगातार लोकप्रिय होती जा रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा