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जबलपुर, 3 सितंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्थित आयुध निर्माणी में पदस्थ डीजीएम दीपक लांबा पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। नागपुर स्थित आयुध निर्माणी में पदस्थ रहने के दौरान पद का दुरुपयोग कर परिजनों की कंपनी को लाभ पहुंचाने के मामले को लेकर सीबीआई ने मंगलवार शाम उनके निवास पर पहुंचकर लंबी पूछताछ की। सीबीआई ने पहले ही लांबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर रखी है। इस मामले में शिकायत यंत्र इंडिया लिमिटेड (वाईआईएल) नागपुर के उप मुख्य सतर्कता अधिकारी डी.के.टी.गुप्ता ने दर्ज कराई थी।
लांबा पर आरोप है कि उन्होंने अपने चचेरे भाई मोहित ठोलिया के नाम पर ऑटोमेशन इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रियल सर्विसेज नामक फर्म बनाई और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी टेंडर दिलाए। जांच में सामने आया कि लांबा और उनके परिजनों भाई, पत्नी, बहन और मां के बीच फर्म के बैंक खातों से संदिग्ध वित्तीय लेन-देन हुए। इसके चलते सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा। इसी आधार पर सीबीआई ने लांबा और उनके रिश्तेदारों के घर व कार्यालय समेत चार स्थानों पर छापेमारी की। सीबीआई को तलाशी में कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल सबूत मिले हैं जिन्हें जब्त किया गया है प्रिया चौधरी कौन है। सीबीआई को शक है कि इस पूरे घोटाले में आयुध निर्माणी के अन्य अधिकारी और बाहरी लोग भी शामिल हो सकते हैं।
आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120(बी),420,468,471 तथा भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 61(2),318(4),336(3),340(2) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि सीबीआई की टीम अभी जबलपुर में ही रुकी हुई है एवं विस्तृत पूछताछ जारी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विलोक पाठक