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कोलकाता, 03 सितंबर (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगामी त्योहारी सीजन, विशेषकर दुर्गा पूजा से शुरू होने वाले समय में एक विशेष अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। इस अभियान के तहत पश्चिम बंगाल भाजपा के शीर्ष नेता देशभर के विभिन्न राज्यों का दौरा करेंगे और वहां रह रहे बंगालीभाषी प्रवासी श्रमिकों से सीधे संवाद करेंगे।
भाजपा की यह पहल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के उन आरोपों के जवाब में है, जिनमें कहा गया है कि भाजपा शासित राज्यों में प्रवासी बंगालियों के साथ उत्पीड़न और भेदभाव किया जाता है। पार्टी की रणनीति है कि प्रवासियों से प्रत्यक्ष बातचीत के जरिए वास्तविक स्थिति को सामने लाया जाए।
पार्टी के अनुसार, शुरुआती योजना में पश्चिम बंगाल भाजपा के कुल 27 वरिष्ठ नेताओं का नाम तय किया गया है, जिनमें सांसद और विधायक भी शामिल हैं। ये नेता दुर्गा पूजा से लेकर आने वाले अन्य उत्सवों के दौरान अलग-अलग राज्यों की यात्रा करेंगे और प्रवासी बंगालियों की रोजगार स्थिति, आय और उनके अनुभवों को प्रत्यक्ष रूप से दर्ज करेंगे। यदि आवश्यकता पड़ी तो प्रतिनिधिमंडल का आकार और बढ़ाया जा सकता है।
भाजपा का मानना है कि इस संवाद से यह स्पष्ट होगा कि प्रवासी श्रमिक किन कारणों से अपना घर-परिवार छोड़कर अन्य राज्यों में रोज़गार की तलाश में जाते हैं। इसके साथ ही उनसे यह भी जानने का प्रयास किया जाएगा कि क्या पश्चिम बंगाल में कोई सरकारी या निजी संस्था उन्हें उतना वेतन दे सकती है, जितना वे दूसरे राज्यों में कमा रहे हैं। पार्टी यह भी जानकारी लेगी कि पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में आय के बीच कितना अंतर है और क्या उन्हें भाषा के आधार पर कार्यस्थल या प्रशासनिक स्तर पर कभी भेदभाव का सामना करना पड़ा।
इस बीच, सोमवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा के विशेष सत्र के पहले दिन प्रवासी बंगाली श्रमिकों के कथित उत्पीड़न का मुद्दा जोर-शोर से उठा। सदन में एक प्रस्ताव लाया गया, जिसमें खासतौर पर भाजपा शासित राज्यों में बंगालीभाषी प्रवासियों के साथ होने वाले व्यवहार पर चर्चा की गई।
भाजपा की ओर से कहा गया है कि यह संवाद अभियान न केवल राजनीतिक आरोपों का खंडन करेगा, बल्कि प्रवासी श्रमिकों के वास्तविक अनुभवों को सार्वजनिक कर एक व्यापक रिपोर्ट के रूप में भी सामने लाएगा।---------------------
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर