भारत को नहीं ढोना चाहिए जाति व्यवस्था का मलबा
हृदयनारायण दीक्षित भारतीय समाज में जाति है। जाति आधारित मान, अपमान और विशेष अवसर भी हैं। हमारे पूर्वज जातिगत भेदभाव को समाप्त करना चाहते थे। गांधी, डाॅ. अम्बेडकर, डाॅ. हेडगेवार, डाॅ. लोहिया, ज्योतिबा फुले और विवेकानंद दयानंद ने भी जाति भेद के विरोध

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